Daily News Summary of 14 Oct in details in Hindi

By | October 17, 2018

दैनिक समसामयिकी – 14 October 2018 (Sunday)

INTERNATIONAL/BILATERAL
1.मिस्र से संबंधों को नए स्तर पर ले जाएंगे : रूस
• रूस के विदेश मंत्री सग्रेई लावरोव ने कहा कि रूस और मिस्र अपने संबंधों को नए स्तर पर ले जाने को तैयार हैं। लावरोव ने शनिवार को प्रकाशित एक लेख ‘‘रूस और मिस्र : समय द्वारा परखी मित्रता और सहयोग’ में यह बात कही। रूस की समाचार एजेंसी तास ने मिस के समाचार पत्र अल-अहराम के हवाले से जानकारी दी कि रूसी विदेश मंत्री ने कहा है कि रूस और मिस ने संकटों का समाधान करने के लिए राजनयिक और राजनीतिक कदम उठाकर तथा आतंकवाद और चरमपंथ के खिलाफ लड़ाई में वैश्विक लड़ाई को मजबूत करने का काम किया है।
• लावरोव ने कहा, सैन्य और सैन्य तकनीकी क्षेत्रों में सहयोग से मिस्र की सेनाएं और सुरक्षा बल आतंकवाद का सामना अधिक प्रभावकारी ढंग से कर सकीं। उन्होंने कहा कि पश्चिम एशिया में शांति और सुरक्षा बनाए रखने, क्षेत्र के लोगों को स्वतंत्रतापूर्वक उनका भविष्य निर्धारित करने के लिए रूस मिस्र के साथ विभिन्न बहुपक्षीय मंचों पर सहयोग करने के लिए तैयार है।
• रूस के विदेश मंत्री ने कहा, हम सांस्कृतिक और मानवीय संबंधों के विकास तथा लोगों का लोगों के साथ संपर्क स्थापित होने के लिए उत्सुक हैं।
• दोनों देशों की राजधानियों के बीच सीधी विमान सेवा उड़ानों को बहाल करने का निर्णय इसमें योगदान देगा। गौरतलब है अक्टूबर 2015 में आतंकवादियों द्वारा मिस्र के सिनाई प्रायद्वीप के ऊपर उड़ रहे रूस के विमान में विस्फोट करने की घटना के बाद से दोनों देशों के बीच सीधी विमान सेवा पर रोक लगा दी गई थी।
• रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की पिछले साल दिसंबर में हुई मिस्र यात्रा के दौरान यह निर्णय लिया गया था। लावरोव ने कहा कि पूर्ववर्ती सभी शर्तों को हटाकर क्षेत्र और नियंतण्र स्थिरता तथा दोनों देशों के लोगों की खुशहाली के मद्देनजर रूस-मिस की साझेदारी को नए स्तर तक ले जाया जाएगा।

2. ‘स्मार्ट आइलैंड’ बनेंगे भारत और जापान की ढाल
• हिन्द और प्रशांत महासागर जिस तरह से वैश्विक कूटनीति का केंद्र बनते जा रहे हैं उसे देखते हुए तमाम जानकार मान रहे हैं कि इस क्षेत्र में बसे द्वीपों की बेहद अहमियत होगी।
• चीन पहले से ही दक्षिण चीन सागर से लेकर अफ्रीका महाद्वीप के आसपास बसे कई छोटे द्वीपों को अपने रणनीतिक हिसाब से विकसित करने में जुटा हुआ है। ऐसे में भारत और जापान भी संयुक्त तौर पर इस पूरे इलाके में द्वीपों का समग्र विकास करने की मंशा रखते हैं जो आने वाले समय में इनके लिए रणनीतिक दृष्टिकोण से फायदेमंद साबित हों।
• इस महीने के अंत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व जापान के पीएम शिंजो एबी के बीच होने वाली शिखर बैठक में भारत के आसपास के कुछ द्वीपों को ‘स्मार्ट आइलैंड’ योजना के तहत विकसित करने पर खास बात होगी।
• भारत पहले से ही अपने दक्षिणी पूर्वी हिस्से में स्थित पांच छोटे द्वीप (स्मिथ, रॉस, एव्स, लांग व लिटिल अंडमान) को विकसित करने की एक व्यापक रणनीति बना रहा है।
• नीति आयोग की मदद से इसके विकास का रोडमैप बनाया जा रहा है। जिसे लागू करने की जिम्मेदारी आइलैंड डेवलपमेंट एजेंसी की होगी। चीन जिस तरह से भारत को चारों तरफ से अपने रणनीतिक अड्डों से घेरने की कोशिश में है, उसे देखते हुए इन छोटे द्वीपों को इसतरह से विकसित किया जा रहा है ताकि भविष्य में ये देश की सामुद्रिक सुरक्षा में अहम भूमिका निभा सकें।
• सूत्रों का कहना है कि चूंकि जापान के पास द्वीपों को विकसित करने का बेहद पुराना अनुभव है, इसलिए उसकी मदद ली जाएगी।
• पिछले वर्ष भी पीएम एबी के साथ मोदी की इस बारे में वार्ता हुई थी। अब इस योजना के तहत परियोजनाओं का चयन करने और उन्हें लागू करने का काम किया जाएगा। इस बारे में मोदी और एबी के सामने एक सहमति पत्र पर भी हस्ताक्षर किये जाने की उम्मीद है।
• द्वीपों को रणनीतिक तौर पर आगे बढ़ाने की योजना से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि ‘स्मार्ट आइलैंड’ एक ऐसी रणनीति होगी जिससे हम तमाम द्वीपों को काफी लंबे समय की उपयोगिता के हिसाब से विकसित करेंगे और रणनीति बनाएंगे। अभी तक इसके लिए विदेशी मदद लेने पर बात भी नहीं हुई है, लेकिन अब यह जरूरत महसूस की जा रही है कि इनकी तकनीकी, ढांचागत व अन्य जरूरतों को देखते हुए जापान जैसे देश का सहयोग काफी उपयोगी साबित हो सकता है।
• वैसे जापान के साथ भारत कई ढांचागत कनेक्टिविटी परियोजनाओं को लेकर बात कर रहा है। दोनों देश श्रीलंका में एक रणनीतिक बंदरगाह व एक हवाई अड्डे का निर्माण भी संयुक्त तौर पर करने के लिए आपस में बात कर रहे हैं।

3. नए जोखिमों के लिए तैयार रहे ग्लोबल इकोनॉमी: लेगार्ड
• अंतराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइएमएफ) और विश्व बैंक ने दुनियाभर की अर्थव्यवस्थाओं को नई तरह की चुनौतियों और नए जोखिमों से निपटने के लिए तैयार रहने को कहा है। सालाना बैठक खत्म होने के बाद शनिवार को इन सर्वोच्च ग्लोबल संस्थाओं ने दुनियाभर के देशों से कर्ज को नियंत्रित रखने की अपील की है। इसके साथ ही आइएमएफ और विश्व बैंक ने दुनियाभर के देशों से कहा है कि वे महंगाई दर पर असर नहीं पड़ने की सीमा तक बाजार को कर्ज मुहैया कराएं और मजबूत आर्थिक विकास दर बरकरार रखना सुनिश्चित करें, ताकि नई तरह की चुनौतियों से निपटा जा सके।
• आइएमएफ और विश्व बैंक की इस वर्ष की बैठक पर दुनियाभर के शेयर बाजारों में आई तात्कालिक अस्थिरता हावी रही। इसके साथ ही दोनों शीर्ष संस्थाएं ना तो चीन और अमेरिका के बीच गहराते ट्रेड वार के साए से उबर पाईं, और ना ही ग्लोबल बाजार पर उसके नकारात्मक असर का कोई समाधान पेश कर पाईं। फिर भी, आइएमएफ प्रशासकों के बोर्ड को सलाह देने वाली अंतरराष्ट्रीय मौद्रिक और वित्तीय समिति (आइएमएफसी) ने सदस्य देशों से आग्रह किया कि वे अपनी मुद्राओं का अवमूल्यन कर निर्यात से तात्कालिक फायदा उठाने की नहीं सोचें।
• अगर वे ऐसा करते हैं, तो इससे दुनियाभर की अर्थव्यवस्था नकारात्मक रूप से प्रभावित होगी।1बैठक के पहले ही दिन आइएमएफ ने ग्लोबल ग्रोथ रेट का अनुमान 3.9 फीसद से घटाकर 3.7 फीसद कर दिया था। आखिरी दिन आइएमएफ की प्रमुख क्रिस्टीन लेगार्ड ने कहा कि नवीनतम अनुमान के लिहाज से भी इस वर्ष दुनियाभर की आर्थिक विकास दर कम नहीं रहने वाली है। लेकिन यह सच है कि इसकी रफ्तार को धक्का लगा है।
• लेगार्ड ने कहा, ‘विकास दर का स्थिर रहने को अस्थिरता नहीं कहा जा सकता। लेकिन ग्लोबल इकोनॉमी के क्षितिज पर संकट के बादल हैं और उनमें से कुछ बरसने भी शुरू हो गए हैं।’
• लेगार्ड का कहना था कि देशों के मौजूदा कर्ज का जो स्तर है, उसे देखते हुए संस्था एक ही बात कह सकती है कि ट्रेड वार को धीमा कीजिए और बातचीत के रास्ते पर लौटिए। अपनी-अपनी नीतियों पर ध्यान दीजिए और परस्पर सहयोग कीजिए, क्योंकि इसी से वैश्विक चुनौतियों का मुकाबला किया जा सकता है।

SCIENCE
4. ‘यूरोपा’ पर फैली है धारदार बर्फ की चादर
• दुनिया भर के वैज्ञानिक दूसरे ग्रहों पर जीवन की तलाश कर रहे हैं। इसी कड़ी में एक अहम ठिकाना है बृहस्पति का चांद यूरोपा, जिस पर वैज्ञानिक लंबे समय से अध्ययन कर रहे हैं। कुछ समय पहले ऐसी जानकारियां मिली थीं, जिससे लगने लगा था कि वहां जीवन संभव हो सकता है, लेकिन नवीन अध्ययन के बाद यूरोपा के बारे में और पता लगाने में बाधा आ सकती है। अब वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि यूरोपा के भूमध्यरेखीय क्षेत्रों में करीब 15 मीटर ऊंची धारदार बर्फ की चादर फैली है। इससे वहां किसी मिशन को भेजने में बाधा आएगी।
• ब्रिटेन स्थित कार्डिफ यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के मुताबिक, पिछले अंतरिक्ष अभियानों से यूरोपा पर जीवन की संभावना के अहम संकेत मिले थे। तब था कि इसकी सतह के नीचे पानी के विशाल समुद्र हो सकते हैं और वो भी द्रव अवस्था में। इससे इसको हमारी सौर प्रणाली में जीवन के लिए सर्वाधिक अनुकूल गंतव्यों में से माना जाने लगा। अब नए अध्ययन से इसके बारे में और जानकारी एकत्र करने में परेशानी आ सकती है।
• इन बाधाओं को करना पड़ेगा पार : नेचर जियोसाइंस नामक जर्नल में प्रकाशित नवीन अध्ययन के मुताबिक, किसी संभावित लैंडिंग मिशन को यूरोपा की सतह पर उतरने से पहले पेनीटेंट्स नाम की खतरनाक बाधाओं को पार करना होगा। पेनीटेंट्स धारदार किनारे वाली बर्फ की बनी ऊंची चादरें हैं और इनकी नोक भी बर्फ की बनी हुई हैं।
• ऐसी बनती है धारदार बर्फ : ये बर्फ सब्लिमेशन (उध्र्वपातन) नामक प्रक्रिया से बनती हैं, जिसके लिए लगातार सूरज की तेज रोशनी के साथ ठंडी, शुष्क और ठहरी हुई हवा की जरूरत पड़ती है। सब्लिमेशन की प्रक्रिया में बर्फ बिना तरल अवस्था में आए सीधे भाप बन जाती है और जब यह प्रक्रिया होती है, तब अपने पीछे इन धारदार बर्फ को छोड़ जाती है।

ENVIRONMENT
5. प्लास्टिक कचरे से पहली बार बनेगा जैव ईधन
• पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री डा. हर्षवर्धन ने विभिन्न माध्यमों से निकलने वाले कचरे के पुन: इस्तेमाल के प्रयासों को तेज करने में भारत की प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा कि देश में जल्द ही पहली बार प्लास्टिक कचरे से जैव ईधन बनाया जाएगा।
• इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के कचरे (ई वेस्ट) के प्रबंधन पर शनिवार को यहां आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए डा. हर्षवर्धन ने कहा भारत ने अत्याधुनिक तकनीक के माध्यम से हर तरह के कचरे को ‘‘संपदा’ में तब्दील करने की मुहिम को तेज करते हुए प्लास्टिक कचरे से जैव ईधन बनाने में कामयाबी हासिल कर ली है। अगले दो महीने में हम इस संयंत्र में प्लास्टिक कचरे से बायो डीजल बनाना शुरू कर देंगे।
• सम्मेलन के बाद उन्होंने संवाददाताओं को बताया कि देहरादून स्थित भारतीय पेट्रोलियम संस्थान ने इस अनूठी तकनीक को विकसित किया है और जल्द ही संस्थान में इसका पहला संयंत्र शुरू किया जाएगा। इसकी क्षमता प्रतिदिन एक टन प्लास्टिक कचरे से 800 लीटर बायो डीजल का उत्पादन करने की है।
• उन्होंने कहा कि दिल्ली स्थित बारापुला सीवर संयंत्र से प्रतिदिन दस टन बायोमास से तीन हजार लीटर एथेनॉल बनाया जा रहा है। उन्होंने ई कचरा प्रबंधन की दिशा में भारत द्वारा दुनिया के लिए अनुकरणीय उदाहरण पेश करने का भरोसा दिलाते हुए कहा कि साल 2016 के आंकड़ों के मुताबिक नियंतण्र स्तर पर प्रति वर्ष 4.47 करोड़ टन ई कचरा निकलता है। इसमें भारत की हिस्सेदारी 20 लाख टन है।ई कचरे में आधी से ज्यादा हिस्सेदारी टीवी, मोबाइल फोन और कंप्यूटर जैसे निजी उपकरणों की है। उन्होंने इस परंिचंता व्यक्त करते हुए कहा कि वैश्विक स्तर पर सिर्फ 20 प्रतिशत ई कचरा रिसाइकिल हो पा रहा है। डा. हर्षवर्धन ने कहा कि दुनिया की 66 प्रतिशत आबादी ही ‘‘ई कचरा प्रबंधन नियमों’ के दायरे में है।
• विश्व की दूसरी सर्वाधिक आबादी वाले देश भारत में इन नियमों को और अधिक व्यापक बनाने के लिए मौजूदा नियमों को संशोधित कर लागू किया गया है।

PERSONALITY
6. अन्नपूर्णा देवी
• प्रख्यात सुरबहार वादक अन्नपूर्णा देवी का शनिवार तड़के निधन हो गया। वह 91 वर्ष की थीं। वह जाने माने सितार वादक पंडित रविशंकर की पूर्व पत्नी थीं।

Sorce of the News (With Regards):- compile by Dr Sanjan,Dainik Jagran(Rashtriya Sanskaran),Dainik Bhaskar(Rashtriya Sanskaran), Rashtriya Sahara(Rashtriya Sanskaran) Hindustan dainik(Delhi), Nai Duniya, Hindustan Times, The Hindu, BBC Portal, The Economic Times(Hindi& English)

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