Daily News Summary of 22 Oct in details in Hindi

By | October 22, 2018

दैनिक समसामयिकी – 22 October 2018(Monday)

INTERATIONAL/BILATERAL
1.ह्यूमन कैपिटल इंडेक्स में पिछड़ने पर भारत ने मानकों में बताई खामियां
• विश्व बैंक के ह्यूमन कैपिटल इंडेक्स (एचसीआई) में भारत के खराब प्रदर्शन से देश के भीतर इस इंडेक्स के मानकों को लेकर एक नई बहस शुरू हो गई है। सरकार ने जहां इस इंडेक्स की उपादेयता और रैकिंग निर्धारण की प्रक्रिया को लेकर सवाल उठाए हैं, तो वहीं कई अर्थशास्त्री इससे सबक लेने की सलाह दे रहे हैं।
• विश्व बैंक ने गत 11 अक्टूबर को यह सूचकांक पहली बार जारी किया, जिसमें शामिल कुल 157 राष्ट्रों में भारत 115वें पायदान पर है और पाकिस्तान 134वें पर। इस सूचकांक में पहला स्थान सिंगापुर का है जबकि चाड अंतिम पायदान पर है। दक्षिण कोरिया दूसरे, जापान तीसरे, हांगकांग और चीन चौथे तथा ब्रिटेन 15वें और अमेरिका 24वें स्थान पर है।
• इस सूचकांक ने न सिर्फ स्वास्थ्य एवं शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों की अनदेखी करने के परिणामों से अवगत कराया है बल्कि इससे नियंतण्र मंच पर यह परिर्चचा भी शुरू हो गयी है कि ह्यूमन कैपिटल का निर्माण बुनियादी ढांचों के निर्माण जितना ही महत्वपूर्ण है।
• बिलियन प्रेस के मुताबिक एचसीआई ने इस तय पर प्रकाश डाला है कि व्यक्ति का ह्यूमन कैपिटल के रूप में निर्माण सड़क, पुल और भौतिक पूंजी बनाने जितना ही जरूरी है और ये दोनों मिलकर ही आर्थिक विकास को गति दे सकते हैं। हालांकि भारत में एचसीआई को लेकर सरकारी महकमे में नाराजगी है और उन्हें यह सूचकांक उतना रास नहीं आ रहा है।
• वित्त मंत्रालय का कहना है कि इन सूचकांक को मापने के मानक बहुत ही धीमी गति से परिणाम दिखाने वाले हैं।
• इसके कारण कोई भी सूचकांक में बेहतरी लाने के लिये कोई कार्यक्रम शुरू करने में ज्यादा उत्साहित नहीं हो सकता है। इस सूचकांक के महत्व को खारिज किए जाने पर तक्षशिला इंस्टीट्यूट के अर्थशास्त्री अजित रानाडे का कहना है कि भारत, जो विश्व बैंक की ईज आफ डूइंग रिपोर्ट में रैंकिंग में सुधार पर गर्व करता हो, उसके द्वारा सिर्फ रैंकिंग में पीछे रहने के कारण इस सूचकांक को खारिज करना बहुत ही अजीब है।
• डा. रानाडे ने कहा, ‘‘जब तक भारत एचसीआई और एचडीआई दोनों में बेहतर प्रदर्शन करता रहेगा, यह प्रशंसनीय होगा। रैंकिंग में अपने गरीब पड़ोसियों से निचले पायदान पर होने पर हमें अपनी प्राथमिकताओं पर ध्यान देना चाहिए न कि इंडेक्स तैयार करने वालों के बारे में शिकायत करनी चाहिए।
• उल्लेखनीय है कि एचसीआई में म्यांमार (107), बंगलादेश (106), नेपाल (102) और श्रीलंका (74) की रैंकिंग भारत से बेहतर है।
• एचसीआई के लांच करने से पहले जारी जारी किए गए संयुक्त राष्ट्र के ह्यूमन डेवलपमेंट इंडेक्स (एचडीआई) 2018 में भारत 189 देशों की सूची में 130वें स्थान पर रहा था। यह सूचकांक 28 साल पुराना है।

2. रूस से हथियार नियंत्रण संधि तोड़ेगा अमेरिका
• अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पुष्टि की कि उनका देश शीत युद्ध के दौरान रूस के साथ की गई हथियार नियंतण्रसंधि से अलग हो जाएगा। साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि रूस ने समझौते का उल्लंघन किया है।
• मध्यम दूरी परमाणु शक्ति (आईएनएफ) संधि की अवधि अगले दो साल में खत्म होनी है। साल 1987 में हुई यह संधि अमेरिका और यूरोप तथा सुदूर पूर्व में उसके सहयोगियों की सुरक्षा में मदद करती है। यह संधि अमेरिका तथा रूस को 300 से 3,400 मील दूर तक मार करने वाली जमीन से छोड़े जाने वाली क्रूज मिसाइल के निर्माण को प्रतिबंधित करती है। इसमें सभी जमीन आधारित मिसाइलें शामिल हैं।
• ट्रंप ने नेवादा में शनिवार को पत्रकारों से कहा, ‘‘हम समझौते को खत्म करने जा रहे हैं और हम इससे बाहर होने जा रहे हैं।’
• ट्रंप से उन खबरों के बारे में पूछा गया था कि उनके राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन चाहते हैं कि अमेरिका तीन दशक पुरानी संधि से अलग हो जाए।
• साल 1987 में अमेरिका के राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन और उनके तत्कालीन यूएसएसआर समकक्ष मिखाइल गोर्बाचेव ने मध्यम दूरी और छोटी दूरी की मिसाइलों का निर्माण नहीं करने के लिए आईएनएफ संधि पर हस्ताक्षर किए थे। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘जब तक रूस और चीन एक नए समझौते पर सहमत नहीं हो जाएं तब तक हम समझौते को खत्म कर रह हैं और फिर हथियार बनाने जा रहे हैं।’
• ट्रंप ने आरोप लगाया, ‘‘रूस ने समझौते का उल्लंघन किया। वे कई वर्षों से इसका उल्लंघन कर रहे हैं।’ उन्होंने कहा, ‘‘हम उन्हें परमाणु समझौते का उल्लंघन करने और हथियार बनाने नहीं दे रहे और हमें भी ऐसा करने की अनुमति नहीं है।’ ट्रंप ने कहा, ‘‘जब तक रूस और चीन हमारे पास नहीं आते और यह नहीं कहते कि चलिए हम में से कोई उन हथियारों का निर्माण नहीं करे, तब तक हमें उन हथियारों को बनाना होगा। अगर रूस और चीन यह कर रहे हैं, और हम समझौते का पालन कर रहे हैं तो यह अस्वीकार्य है।’
• उन्होंने कहा कि जब तक दूसरे देश इसका उल्लंघन करते रहेंगे तब तक अमेरिका इस समझौते का पालन नहीं करेगा। ट्रंप ने आरोप लगाया कि उनके पूर्ववर्ती बराक ओबामा ने इस पर चुप्पी साधे रखी। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे नहीं पता कि क्यों राष्ट्रपति ओबामा ने बातचीत करने या बाहर निकलने की कोशिश नहीं की।’
• नाटो मंत्रियों ने एक संयुक्त बयान जारी कर कहा कि आईएनएफ समझौता ‘‘यूरो-अटलांटिक सुरक्षा के लिए अहम है और हम इस ऐतिहासिक हथियार नियंतण्रसंधि की रक्षा करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं।’ साथ ही उन्होंने रूस से अपनी नई मिसाइलों की क्षमताओं को लेकर स्पष्ट करने का आग्रह किया।
• रूस के विदेश मंत्रालय ने कहा कि रूस के साथ ऐतिहासिक परमाणु संधि से अलग होने का अमेरिका का कदम अकेले वैश्विक महाशक्ति बनने के सपने से प्रेरित है। विदेश मंत्रालय के एक सूत्र ने सरकारी आरआईए नोवोस्ति समाचार एजेंसी से कहा, ‘‘‘‘मुख्य मकसद एकध्रुवीय दुनिया का सपना है। क्या यह सच होगा? नहीं।’’
• अधिकारी ने बताया कि रूस ने कई बार सार्वजनिक तौर पर यह कहा कि अमेरिका की नीति परमाणु समझौता खत्म करने की ओर अग्रसर है।
• अधिकारी ने कहा कि अमेरिका समझौते के आधार को खत्म करके जानबूझकर और चरणबद्ध तरीके से कई वर्षो से इस कदम की ओर बढ़ रहा था।
• उन्होंने कहा, ‘‘‘‘यह फैसला अमेरिका की उस नीति का हिस्सा है, जिसमें उसे उन अंतरराष्ट्रीय समझौतों से अलग होना है जिसमें उस पर तथा उसके साझेदारों पर बराबर की जिम्मेदारियां हैं और अपने ‘‘अपवाद’ की अवधारणा को कमजोर बनाना है।’’

3.मालदीव के राष्ट्रपति यामीन की पराजय पर सुप्रीम कोर्ट की मुहर
• मालदीव के आम चुनावों में राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन की पराजय पर सुप्रीम कोर्ट ने मुहर लगा दी है। अदालत ने रविवार को यामीन की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने चुनाव परिणामों को रद करने और नए सिरे से चुनाव कराने का अनुरोध किया था।
• सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की पीठ ने सर्वसम्मति से निर्णय दिया है। पीठ ने फैसले में कहा है कि यामीन 23 सितंबर को हुए चुनावों में विपक्षी उम्मीदवार इब्राहिम मोहम्मद सोलिह द्वारा धांधली कर चुनाव जीतने के अपने दावे के समर्थन में पर्याप्त सुबूत पेश नहीं कर सके।
• इससे पहले पांच जजों की पीठ यामीन के वकील के उस अनुरोध को भी अस्वीकार कर चुकी है, जिसमें उन्होंने उन गवाहों को पेश करने की इजाजत मांगी थी जो यह बताते कि किस तरह चुनावों में धांधली की गई है।
• बता दें कि आम चुनावों में हार के बाद यामीन ने वैश्विक दबावों के चलते पहले 17 नवंबर तक पद छोड़ने की बात कही थी, लेकिन इस महीने की शुरुआत में उन्होंने प्रतिबंधों की परवाह नहीं करते हुए चुनाव में धांधली का आरोप लगाकर शीर्ष अदालत में याचिका दाखिल कर दी। यामीन ने याचिका में मिटने वाली स्याही का जिक्र किया था।
• उनका दावा था कि इसी के चलते चुनावों में उनको हार का सामना करना पड़ा है। 2013 में हुए चुनावों में भी यामीन विपक्षी उम्मीदवार से पीछे चल रहे थे, लेकिन तब शीर्ष अदालत के सहारे वह जीतने में कामयाब रहे थे।

➡ ECONOMY
4. गैर धर्मनिरपेक्ष घोषणाओं से जूझ रहा देश : जालान
• भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर विमल जालान ने मोदी सरकार के अब तक के कार्यकाल को मिला-जुला बताते हुए रविवार को कहा कि देश इस समय खराब प्रशासन और गैर धर्मनिरपेक्ष घोषणाओं से जूझ रहा है। उन्होंने कहा कि रपए में गिरावट और लगातार बढ़ रही गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां (एनपीए) चिंता का विषय बना हुआ है।
• जालान ने कहा कि देश अब भी खराब प्रशासन व्यवस्था, विभिन्न मुद्दों पर राज्यों में प्रदर्शन और गैर-धर्मनिरपेक्ष घोषणाओं जैसी समस्याओं का सामना कर रहा है। आर्थिक मोर्चे पर किए गए प्रयासों को लेकर पूर्व गवर्नर ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने जीएसटी, दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता संहिता (आईसीबी) और प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण योजना जैसे कई आर्थिक सुधार किए हैं, जो कि अर्थव्यवस्था के लिए अच्छे हैं।
• जालान ने एक बातचीत में कहा, ‘‘इस बात में कोई शक नहीं है कि हमारी आर्थिक वृद्धि दर सबसे तेजी से उभरते हुए बाजारों में से एक है, मुद्रास्फीति निचले स्तर पर है।’जालान 2003 से 2009 तक राज्यसभा सदस्य रह चुके हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को न्यूनतम समर्थन मूल्य के संदर्भ में सतर्क रुख अपनाना चाहिए क्योंकि यह ग्रामीण एवं अर्ध शहरी क्षेत्रों में गरीब लोगों के लिए अनाज की खपत को भी प्रभावित करता है।
• जालान ने रपए की विनिमय दर में लगातार गिरावट पर कहा, ‘‘मैं यह नहीं कहूंगा कि रपए की गिरावट चिंता का कारण है क्योंकि असल में हमारे पास पर्याप्त संसाधन हैं लेकिन पिछले कुछ महीनों से रपए में गिरावट हमारे लिए चिंता का विषय बना हुआ है।
• हालांकि, उन्होंने इस ओर इशारा किया कि सरकार ने रूपये की गिरावट को थामने के लिए कुछ कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि एनपीए एक बड़ी समस्या है।
• साथ ही उन्होंने आशा व्यक्त की है कि सरकार के आईबीसी (दिवाला एवं ऋण शोधन अक्षमता संहिता) पेश किए जाने से बड़े आकार के ऋणों का समाधान हो रहा है।

➡ SCIENCE
5. यूरोप, जापान का अंतरिक्ष यान बुध की यात्रा पर रवाना
• एक यूरोपीय-जापानी अंतरिक्ष यान को सौर मंडल के सबसे छोटे ग्रह बुध पर भेजा गया है। सात साल की यात्र के बाद यह यान सूर्य के सबसे करीबी ग्रह तक पहुंचेगा। यूरोपीय स्पेस एजेंसी (ईएसए) और जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी (जेएएक्सए) ने कहा कि मानवरहित बेपीकोलंबो अंतरिक्ष यान को फ्रेंच गुएना से कक्षा में सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया गया।
• दोनों एजेंसियों ने कहा कि इस यान का नाम इटली के वैज्ञानिक गिसेपे बेपी कोलंबो के नाम पर रखा गया है। एरिआने 5 रॉकेट से शुक्रवार को स्थानीय समय के अनुसार रात 10:45 पर अंतरिक्ष यान को रवाना किया गया।
• एक बयान में ईएसए के महानिदेशक जान वोएर्नर कहा, ‘ईएसए और जेएक्सए के लिए बेपीकोलंबो एक बड़ा मील का पत्थर है। इससे कई बड़ी सफलताएं सामने आएंगी। चुनौतीपूर्ण यात्र पूरी करने के अलावा यह अभियान बदले में विज्ञान को कई बड़ी उपलब्धियां सौंपेगा।’
• सूर्य के सबसे करीबी ग्रह होने के कारण बुध पर कुछ ही अंतरिक्ष यान भेजे जा सके हैं। सूर्य से यह ग्रह छह करोड़ किलोमीटर से कम दूरी पर जबकि धरती से करीब 15 करोड़ किलोमीटर दूर स्थित है। यही दूरी इस ग्रह तक की यात्र को चुनौतीपूर्ण बनाती है।
• दिन में जो हिस्सा सूर्य के सामने होता है वहां का तापमान 400 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचता है जबकि रात वाले हिस्से का तापमान माइनस 170 डिग्री सेल्सियस होता है।सूर्य के सबसे करीबी ग्रह तक पहुंचने में लगेंगे सात साल

➡ AWARD
6. आपदा राहत बल के जवानों को दिया जाएगा सुभाष चंद्र बोस पुरस्कार
• प्रधानमंत्री ने आपदा राहत में लगे जवानों के सम्मान में नेताजी सुभाष चंद्र बोस के नाम से पुरस्कार शुरू करने की भी घोषणा की।
• यह पुरस्कार लोगों को जान बचाने में बहादुरी और साहस का प्रदर्शन करने वालों को हर वर्ष दिया जाएगा।

Source of the News (With Regards):- compile by Dr Sanjan,Dainik Jagran(Rashtriya Sanskaran),Dainik Bhaskar(Rashtriya Sanskaran), Rashtriya Sahara(Rashtriya Sanskaran) Hindustan dainik(Delhi), Nai Duniya, Hindustan Times, The Hindu, BBC Portal, The Economic Times(Hindi& English)

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