दैनिक समसामयिकी – 09 November 2018(Friday)
➡ NATIONAL
1.शत्रु सम्पत्ति के 3 हजार करोड़ रपए के शेयर बेचे जाएंगे
• सरकार ने शत्रु सम्पत्ति के तहत आने वाले तीन हजार करोड़ रुपये के साढ़े छह करोड़ से अधिक शेयरों को बेचने का फैसला किया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आज यहां आयोजित मंत्रिमंडल की बैठक में इस बाबत फैसला लिया गया।
• विधि एवं न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन में बताया कि शत्रु सम्पत्ति के तहत आने वाले छह करोड़ 50 लाख 75 हजार 877 शेयरों को बेचने का फैसला किया गया है। ये शेयर 996 कंपनियों में 20 हजार 323 शेयरधारकों के हैं। इन शेयरों की कीमत 1968 के हिसाब से कम से कम तीन हजार करोड़ रुपये है। अभी ये शेयर शत्रु सम्पत्ति के संरक्षक गृह मंत्रालय के कब्जे में है।
• छह हवाई अड्डों के प्रबंधन के प्रस्ताव को मंजूरी दी : मंत्रिमंडल ने अहमदाबाद, जयपुर, लखनऊ और तीन अन्य हवाई अड्डों का प्रबंधन सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) के तहत करने के प्रस्ताव को बृहस्पतिवार को मंजूरी दे दी। इनमें गुवाहाटी, तिरुवनंतपुरम और मेंगलुरू के हवाई अड्डे भी शामिल हैं।
• ड्रेजिंग कापरेरेशन में सरकार की पूरी हिस्सेदारी बेचने का फैसला : मंत्रिमंडल ने केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रम ड्रेजिंग कापरेरेशन आफ इंडिया लि. में अपनी पूरी हिस्सेदारी देश के चार बड़े बंदरगाहों द्वारा मिल कर बनायी गयी एक इकाई को बेचने का निर्णय किया है। बंदगाहों पर जहाजों की आवाजाही के रास्ते से गाद निकालने का काम करने वाली इस कंपनी में फिलहाल केंद्र सरकार 73.44 प्रतिशत की हिस्सेदारी है।
• इन बंदरगाहों में विशाखापत्तनम बंदरगाह न्यास, पारादीप बंदरगाह न्यास, जवाहरलाल नेहरू बंदगाह न्यास और कांडला बंदरगाह न्यास शामिल हैं। बयान में कहा गया है कि इस विनिवेश से बंदरगाहों पर गाद निकालने के काम में समन्यवय बढेगा। इससे ये बंदरगाह किसी अन्य बंदरगाह की गाद निकालने का भी ठेका ले सकेंगे।
• आंध्र में केंद्रीय जनजाति विवि खोलने के प्रस्ताव को मंजूरी : मंत्रिमंडल ने आंध्र प्रदेश में केंद्रीय जनजाति विविद्यालय की स्थापना को मंजूरी दे दी है।
• आंध्र प्रदेश के विजयनगरम जिले के रेली गांव में यह केंद्रीय विविद्यालय खोला जाएगा। विविद्यालय की स्थापना आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम, 2014 की 13वीं अनुसूची के तहत की जाएगी।
➡ INTERNTIONAL/BILATERAL
2. 70 देशों को जोड़ेगा चीन का वन बेल्ट-वन रोड प्रोजेक्ट, भारत को घेरने की कोशिश
• राष्ट्रपति शी जिनपिंग की महत्वाकांक्षी परियोजना वन बेल्ट-वन रोड (ओबीओर) भारत के लिए खतरा साबित हो सकती है। इस प्रोजेक्ट के तहत रेल, सड़क और समुद्री मार्ग से एशिया, यूरोप, अफ्रीका के 70 देश जुड़ेंगे, जिनके जरिए भारत को घेरने की कोशिश है। ओबीओर पर चीन 900 अरब डॉलर (करीब 64 लाख करोड़ रुपए) का खर्च कर रहा है। यह रकम दुनिया की कुल जीडीपी की एक तिहाई है।
• सिल्क रूट का आधुनिक रूप है ओबीओआर:- दूसरी शताब्दी में चीन ने भारत, फारस (वर्तमान ईरान) और रोमन साम्राज्य को जोड़ने के लिए सिल्क रूट बनाया था। इससे चीनी कारोबारी ऊंट और घोड़ों के माध्यम से रेशम समेत कई चीजों का व्यापार करते थे। अब ओबीओआर को दो हिस्सों में बनाया जा रहा है। पहला- जमीन पर बनने वाला सिल्क रोड है, जिसे सिल्क रोड इकोनॉमिक बेल्ट (एसआरईबी) कहा जाता है। दूसरा- मैरीटाइम सिल्क रोड (एमएसआर) है, जो समुद्र से होकर गुजरेगा।
• एसआरईबी एशिया, अफ्रीका और यूरोप को जोड़ेगा। यह रूट बीजिंग को तुर्की तक जोड़ने के लिए प्रस्तावित है और रूस-ईरान-इराक को कवर करेगा। वहीं, एमएसआर दक्षिण चीन सागर से हिंद महासागर के रास्ते दक्षिण-पूर्व एशिया, अफ्रीका और खाड़ी देशों को जोड़ेगा।
• 9800 किमी की रेल लाइन बिछेगी:- ओबीओआर के तहत चीन इन्फ्रास्ट्रक्चर, ट्रांसपोर्ट और एनर्जी में निवेश कर रहा है। इसके तहत पाकिस्तान में गैस पाइपलाइन, हंगरी में एक हाईवे और थाईलैंड में हाईस्पीड रेल लिंक बनाया जा रहा है। चीन से यूरोप (पोलैंड) तक 9800 किमी तक रेललाइन डाली जाएगी।
• ओबीओआर के तहत चीन के शिनजियांग से पाकिस्तान के ग्वादर तक चीन-पाक इकोनॉमिक कॉरिडोर (सीपीईसी) बन रहा है। सीपीईसी, पाक के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) से गुजरेगा। भारत इसे संप्रभुता का उल्लंघन बताता है। भारतीय विदेश मंत्रालय के मुताबिक, कोई भी देश अपनी क्षेत्रीय अखंडता को नजरअंदाज करके इस परियोजना से नहीं जुड़ सकता।
3. यूएस मध्यावधि चुनाव / संसद में दोबारा चुने गए 4 भारतीय-अमेरिकी, 11 को स्टेट असेंबली में जगह
• अमेरिका में हुए मध्यावधि चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी ने हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स और रिपब्लिकंस ने सीनेट पर कब्जा कर लिया। डेमोक्रेटिक पार्टी के 4 भारतीय-अमेरिकी दोबारा संसद (कांग्रेस) पहुंचने में कामयाब रहे।
• विस्कॉन्सिन में डेमोक्रेट जोश कौल ने इतिहास रच दिया। अटॉर्नी जनरल बनने वाले वह पहले भारतीय-अमेरिकी बने। इसके अलावा 11 भारतीय मूल के अमेरिकियों ने स्टेट असेंबली में जीत हासिल की। 6 नवंबर को हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स की सभी 435 और सीनेट की 35 सीटों के लिए चुनाव हुआ था।
• इलिनॉय से राजा कृष्णमूर्ति दोबारा चुने गए। उन्होंने भारतीय मूल के रिपब्लिकन उम्मीदवार जेडी दिगंकर को 30% पॉइंट के अंतर से हराया। तीन बार सांसद रहे डॉ. अमी बेरा कैलिफोर्निया से चौथी बार चुने गए। उन्होंने रिपब्लिकन उम्मीदवार एंड्रयू ग्रांट को हराया।
• सिलिकॉन वैली से डेमोक्रेट रो खन्ना ने रिपब्लिकन रॉन कोहेन को 44% पॉइंट के अंतर से हराया। खन्ना के मुताबिक, हमारा कैंपेन शानदार रहा। मैं लोगों का आभारी हूं कि मुझे फिर से कांग्रेस में प्रतिनिधित्व का मौका मिला। डेमोक्रेट्स को हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में जो बहुमत मिला है, इससे आर्थिक और विदेश नीति पर फर्क पड़ेगा।
• वहीं डेमोक्रेट प्रमिला जयपाल ने रिपब्लिकन पार्टी के क्रेग केलर को हराया। हाउस ऑफ रिप्रेंजेटेटिव्स में पहुंचने वाली भारतीय मूल की अकेली महिला हैं। प्रमिला ने कहा कि हम सरकार की शाखाओं के बीच सत्ता का संतुलन बनाए रखेंगे। हमारा मुख्य विरोध राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की नकारात्मक नीतियों को लेकर होगा।
4. ईरान के चाबहार पोर्ट पर विकास को लेकर अमेरिका ने भारत को प्रतिबंधों से छूट दी
• ईरान के चाबहार पोर्ट पर विकास को लेकर अमेरिका ने भारत को कुछ खास प्रतिबंधों से छूट दी है। भारत चाबहार पोर्ट के निर्माण में सहयोग दे रहा है। यहां से अफगानिस्तान को रेलमार्ग से जोड़ा जाएगा। इससे भारत, ईरान और अफगानिस्तान को व्यापार में सुविधा मिलेगी। इन छूटों में चाबहार पोर्ट को अफगानिस्तान से जोड़ने वाली रेलवे लाइन का निर्माण भी शामिल है।
• छूट देने का फैसला करने के एक दिन पहले ट्रम्प प्रशासन ने ईरान पर अब तक का सबसे कठोर प्रतिबंध लगाया था। इस छूट को ओमान की खाड़ी में बंदरगाह के विकास में भारत की भूमिका को अमेरिका की मान्यता के तौर पर देखा जा रहा है। चाबहार बंदरगाह युद्ध की त्रासदी झेल चुके अफगानिस्तान के विकास में रणनीतिक महत्व रखता है।
• अमेरिकी विदेश विभाग के एक प्रवक्ता ने कहा, “काफी सोच-विचार के बाद हमने चाबहार के विकास, अफगानिस्तान में इस्तेमाल आनेवाले गैर-प्रतिबंधात्मक वस्तुओं की ढुलाई के लिए रेलवे लाइन के निर्माण के साथ-साथ ईरान के पेट्रोलियम उत्पादों के आयात को ईरान फ्रीडम एंड काउंटर-प्रोलिफिरेशन एक्ट, 2012 के तहत भारत को कुछ प्रतिबंधों से छूट दी है।”
• अमेरिका ने 5 नवंबर को ईरान के बर्ताव में बदलाव लाने के मकसद से अब तक का सबसे कठोर प्रतिबंध लागू करने का ऐलान किया था। ईरान के बैंकिंग-ऊर्जा क्षेत्र प्रतिबंधों के दायरे में आ चुके हैं। इसके मुताबिक, उन यूरोपीय, एशियाई और अन्य देशों तथा कंपनियों पर जुर्माने का प्रावधान किया गया है जो ईरान से तेल आयात करेंगे।
5. भूटान में लोटे शेरिंग मंत्रिमंडल का गठन
• हिमालयी देश भूटान में नव निर्वाचित प्रधानमंत्री लोटे शेरिंग ने मंत्रिमंडल का गठन कर लिया है। चीन की समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक भूटान की राजधानी ¨थपु में आयोजित पारंपरिक समारोह में भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामज्ञाल वांगचुक ने शेरिंग को प्रतीकात्मक स्कार्फ से सम्मानित किया।
• भूटान के दैनिक अखबार कुएनसेल के अनुसार शेरिंग की ड्रुक न्यामरुप त्सोग्पा पार्टी उन दो पार्टियों में से एक है, जिसने पिछले महीने के शुरू में तत्कालीन प्रधानमंत्री त्शेरिंग तोबगे की सत्तारूढ़ पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी को हराकर राष्ट्रीय असेंबली चुनाव में की दौड़ में शामिल हुई थी।
• वर्ष 2008 में पूर्ण राजशाही से संवैधानिक राजतंत्र में स्थानांतरित के बाद भूटान में यह तीसरा संसदीय चुनाव था।
• नवगठित मंत्रिमंडल में सभी 10 मंत्रियों, विपक्षी दल के नेता ड्रुक फुएनसम त्शोग्पा, राष्ट्रीय असेंबली के अध्यक्ष को भी बुधवार को स्कार्फ से सम्मानति किया गया।
6. बांग्लादेश में आम चुनाव 23 दिसंबर को, पहली बार होगा ईवीएम का इस्तेमाल
• बांग्लादेश में 23 दिसंबर को होने वाले आम चुनाव में पहली बार इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) का इस्तेमाल होगा। हालांकि बांग्लादेशी चुनाव आयोग ने एलान किया कि ईवीएम का इस्तेमाल फिलहाल सीमित दायरे में ही होगा।
• बांग्लादेश के मुख्य चुनाव आयुक्त नूरुल हुडा ने एक राष्ट्रीय टेलीविजन प्रसारण में कहा कि 11वें आम चुनाव बांग्लादेश में 23 दिसंबर को होंगे। चार अन्य चुनाव आयुक्तों के साथ निर्वाचन की तारीख तय करने के बाद उन्होंने घोषणा की कि उम्मीदवारों को अपने पर्चे नौ नवंबर और 19 नवंबर के बीच दाखिल करने होंगे।
• नामांकन पत्रों की छंटनी 22 नवंबर को होगी। हुडा की इस घोषणा पर नवगठित राजनीतिक पार्टी नेशनल यूनिटी फ्रंट (एनयूएफ) ने चुनाव कार्यक्रम में तब्दीली की मांग की है जबकि सत्तारूढ़ दल आवामी लीग ने चुनाव आयोग को तय कार्यक्रम पर कायम रहने को कहा है।
• हुडा ने बांग्लादेश में पहली बार मतदान सीमित दायरे में ईवीएम से कराने का एलान किया है। उन्होंने कहा कि ईवीएम के इस्तेमाल से मतदान की प्रक्रिया में और सुधार होगा। इससे समय, धन और श्रम की बचत होगी।
• इससे पहले ईवीएम का इस्तेमाल स्थानीय निकाय चुनावों में ही हुआ था। इस चुनाव से बांग्लादेश के 300 प्रतिनिधियों का निर्वाचन होगा। 40,199 पोलिंग स्टेशनों पर मतदान होगा।
➡ ECONOMY
7. इस साल 7.4 फीसद रहेगी जीडीपी ग्रोथ
• भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 2018 में 7.4 फीसद रहेगी जबकि 2019 में इसके 7.3 फीसद रहने की संभावना है।
• मुडीज इंवेस्टर्स सर्विसेस ने बृहस्पतिवार को जारी रपट में कहा कि इसका बड़ा कारण कर्ज की लागत बढ़ना है, इससे घरेलू मांग घटेगी।मूडीज ने अपनी नियंतण्र वृहद परिदृश्य 2019-20 रपट में कहा कि 2018 की पहली छमाही (जनवरी-जून) में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 7.9 फीसद रही।
• उसके अनुसार वृद्धि दर में यह उछाल नोटबंदी के बाद की तिमाही के तुलनात्मक आधार का प्रभाव दर्शाता है। रपट के अनुसार ऊंची ब्याज दर से कर्ज की लागत पहले ही बढ़ चुकी है। मूडीज ने कहा कि उसे उम्मीद है कि भारतीय रिजर्व बैंक 2019 में नीतिगत ब्याज दरों को स्थिर बनाए रखेगा, इससे घरेलू मांग घटेगी।
• मूडीज ने कहा, ‘‘उपरोक्त कारणों से अगले कुछ सालों में भारतीय अर्थव्यवस्था की रफ्तार धीमी गति से वृद्धि करेगी। वित्त वर्ष 2019 और 2020 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 7.3 फीसद रहेगी जो 2018 के दौरान 7.4 फीसद रहने की उम्मीद है।’
• रपट में कहा गया है कि भारत की आर्थिक वृद्धि को लेकर सबसे बड़ा नकारात्मक जोखिम इसके वित्तीय क्षेत्र से जुड़ी चिंताएं हैं।
• रपट के अनुसार कच्चे तेल की वैश्विक कीमतों में तेजी का प्रभाव और रुपये में गिरावट से घरेलू उपभोग की लागत बढ़ी है, साथ ही घरेलू व्यय की क्षमता पर दबाव पड़ा है। कड़ी मौद्रिक नीति से कर्ज की लागत पहले ही बढ़ चुकी है।
• मूडीज ने 2019 और 2020 में नियंतण्र अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर भी धीमी रहने की संभावना जताई है। इसके 2.9 फीसद बने रहने के आसार हैं जबकि 2018 और 2017 में वैश्वि वृद्धि अनुमानित 3.3 फीसद रही है।
8. तीनों सेनाओं की वित्तीय फैसले लेने की सीमा 5 गुना बढ़ी, अब 500 करोड़ रुपए हुई
• तीनों सेनाओं के उप-प्रमुख अब 500 करोड़ रुपए तक के हथियार और गोला-बारूद खरीदने के फैसले ले सकेंगे। पहले ये सीमा 100 करोड़ रुपए थी। रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को यह फैसला सशस्त्र सेनाओं की युद्ध की तैयारियों को बेहतर बनाने के लिए लिया।
• रक्षा मंत्रालय ने कहा- सशस्त्र बलों के राजस्व प्रबंधन में लिए जाने वाले फैसलों में तेजी लाने के लिए सरकार ने ये कदम उठाया है। इससे सशस्त्र बलों के लिए हथियार और युद्ध सामग्री को बढ़ाने में मदद मिलेगी और सेना का संचालन तेजी से किया जा सकेगा।
• 15 हजार करोड़ की हथियार निर्माण परियोजना को दी थी मंजूरी:- पिछले कुछ समय में रक्षा मंत्रालय ने हथियारों और गोला-बारूद खरीदने की प्रक्रिया को आसान करने और निर्णय लेने के अधिकारों को विकेंद्रीकृत करने के लिए कई फैसले लिए हैं।
• एक रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले 2 साल के दौरान 20 हजार करोड़ के हथियार और गोला-बारूद के समझौते फाइनल हुए हैं। इसी साल मई में सरकार ने 15 हजार करोड़ के हथियारों की निर्माण परियोजना को मंजूरी दे दी थी। इसके तहत देश में ही आधुनिक तकनीक वाले हथियार और टैंक बनाए जाएंगे।
➡ SCIENCE
9. के9 वज्र और होवित्जर तोपें आज तोपखाने में होंगी शामिल
• रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण शुक्रवार को के9 वज्र और एम777 होवित्जर समेत नई तोपों और उनके उपकरणों को तोपखाने में शामिल करेंगी। रक्षा मंत्रलय के प्रवक्ता ने बताया कि नासिक के देवलाली स्थित तोपखाने में एक समारोह के दौरान यह प्रक्रिया शुरू होगी।
• रक्षा मंत्रलय के प्रवक्ता कर्नल अमन आनंद ने गुरुवार को संवाददाताओं को बताया कि नवंबर 2020 तक यानी दो साल में 4,366 करोड़ रुपये की सौ के9 वज्र तोपों को तोपखाने में शामिल कर लिया जाएगा। इस बैच की दस तोपें इस माह के अंत तक तोपखाने में पहुंच जाएंगी। 40 अन्य तोपें अगले साल नवंबर में मिलेंगी। जबकि 50 वज्र तोपें नवंबर 2020 में हासिल होंगी।
• स्वदेशी के9 वज्र की पहली रेजिमेंट को पहली बार भारतीय निजी क्षेत्र तैयार कर रहा है। देश में पहली बार किसी तोप का निर्माण हो रहा है। के9 वज्र की पूरी खेप अगले साल जुलाई तक बनकर तैयार हो जाने की पूरी उम्मीद है।
• इन तोपों की मारक क्षमता 28-38 किलोमीटर तक है। यह तोप महज तीस सेकेंड में अनवरत तीन राउंड की गोलाबारी कर सकती है। तीन मिनट में 15 राउंड की भीषण गोलाबारी कर सकती है और 60 मिनटों में लगातार 60 राउंड की फायरिंग भी कर सकती है।
• सेना कुल 145 एम777 होवित्जर तोपों की साथ रेजिमेंट भी बनाएगी। अगस्त 2019 की शुरुआत में पांच तोपें सेना को सौंप दी जाएंगी। जबकि यह प्रक्रिया पूरी होने में 24 महीनों का वक्त लगेगा। पहली रेजिमेंट अगले साल अक्टूबर में पूरी हो जाएगी। 30 किमी की मारक क्षमता वाली इस तोप को हेलीकॉप्टरों या विमान से एक से दूसरे स्थान पर पहुंचाया जा सकेगा।
• इस समारोह के दौरान 130 एमएम और 155 एमएम की तोपों को ले जाने वाले कांपैक्ट गन ट्रैक्टर को भी तोपखाने में शामिल किया जा चुका है। तोप से जुड़ने के साथ इस वाहन की अधिकतम गति 80 किमी प्रति घंटे और 50 किमी प्रति घंटे है।
Source of the News (With Regards):- compile by Dr Sanjan,Dainik Jagran(Rashtriya Sanskaran),Dainik Bhaskar(Rashtriya Sanskaran), Rashtriya Sahara(Rashtriya Sanskaran) Hindustan dainik(Delhi), Nai Duniya, Hindustan Times, The Hindu, BBC Portal, The Economic Times(Hindi& English)