मानव रक्त [Human Blood] –
✔ रक्त एक प्रकार का “तरल संयोजी उत्तक (Fluid connectcive Tissue)” होता है।
✔ मानव शरीर के कुल भार के 07 प्रतिशत मात्रा में रक्त उसके शरीर में मौजूद होता है।
✔ सम्पूर्ण शरीर में रक्त का परिसंचरण (Blood Circulation) “हृदय (Heart)” करता है।
✔ पी.एच. मान (pH Value) मानव 7.4 रक्त को एक “क्षारीय विलियन (Alkaline Solutions)” बनाता है।
✔ मनुष्य के शरीर में रक्त की मात्रा शरीर के भार का लगभग “07 प्रतिशत” होता है।
✔ एक मनुष्य के शरीर में लगभग 05-06 लीटर रक्त रहता है।
✔ पूरे शरीर में एक बार रक्त संचरण (Blood Circulation) में लगभग 23 सेकेण्ड का समय लगता है।
✔ रक्त समूह (Blood Group) की खोज सन् 1901 में “लैण्ड स्टीनर (Karl Landsteiner)” ने किया था।
✔ मनुष्य में चार (“A”, “B”, “AB”, “O”) रक्त समूह पाया जाता है।
✔ रक्त समूह O : “सर्वदाता (Universal Blood Donor)” कहलाता है।
✔ रक्त समूह AB : “सर्वग्राही (Universal Blood Recipient)” होता है।
✔ एक स्वस्थ्य मनुष्य का रक्तदाब (Blood pressure) पारे पर “120 / 80mm” होता है।
✔ श्वसन में शर्करा (Glucose) का आक्सीकरण होता है।
✔ मानव शरीर में होने वाली क्रियाओं का नियमन (Regulation) और नियंत्रण (Control) “तंत्रिका तंत्र (Nervous System)” द्वारा होता है।
✔ एक वयस्क मनुष्य में रक्त की औसत मात्रा 05-06 लीटर होता है। महिलाओं में पुरूषों के मुकाबले 1/2 लीटर रक्त कम होता है।
✔ रक्त का मृत तरल भाग ‘प्लाज्मा (Plasma)‘‘ कहलाता है, यह रक्त का लगभग 60 प्रतिशत होता है।
✔ प्लाज्मा (Plasma) का 90 प्रतिशत भाग जल (Water), 07 प्रतिशत प्रोटीन (Protein), 0.9 प्रतिशत लवण (Salt) तथा 0.1 प्रतिशत भाग ग्लूकोज (Glucose) होता है।
✔ पचे हुए भोजन एवं हार्मोन का शरीर में संवहन प्लाज्मा का मुख्य कार्य है।
✔ जब प्लाज्मा से फाइब्रिनोजेन (Fibrinogen) अलग कर दिया जाता है तो शेष बचा हुआ भाग “सेरम (Serum)” कहलाता है।