दैनिक समसामयिकी
21 February 2018(Wednesday)
1.मालदीव ने इमरजेंसी 30 दिन बढ़ाई
• मालदीव की संसद ने राष्ट्रपति अब्दुल्ला यमीन की सिफारिशों को मंजूर करते हुए मंगलवार को देश में आपातकाल की अवधि 30 दिन और बढ़ा दी। मालदीव की इंडिपेन्डेन्ट समाचार वेबसाइट की खबर में बताया गया है कि मतदान के लिए केवल 38 सांसद उपस्थित थे। आपातकाल की अवधि समाप्त होने से पहले ही मतदान हुआ।
• संविधान के मुताबिक, मतदान के लिए 43 सांसदों की जरूरत होने के बावजूद केवल 38 सांसदों ने मतदान कर दिया।वेबसाइट के अनुसार, सभी 38 सांसद सत्ताधारी दल के थे और उन्होंने आपातकाल की अवधि बढ़ाए जाने को मंजूरी दे दी। विपक्ष ने मतदान का बहिष्कार किया। अब देश में आपातकाल 22 मार्च को समाप्त होगा।
• विपक्षी सांसद इब्राहिम मोहम्मद सोलीह ने कहा, ऐसा कोई कानून नहीं है जिसमें लोगों के लिए आपातकाल की अवधि बढ़ाने का अनुपालन जरूरी हो। हम लोगों से बात कर रहे हैं। इससे अलग संविधान का उल्लंघन और कुछ नहीं हो सकता। एक अन्य विपक्षी सांसद इवा अब्दुल्ला ने आरोप लगाया कि स्पीकर ने संविधान की अनदेखी की। उन्होंने कहा कि आपातकाल अवैध है।
• मालदीव डेमोक्रेसी नेटवर्क के कार्यकारी निदेशक शांिहधा इस्माइल ने कहा कि सत्तारूढ दल ने देश में प्रशासन की सभी लोकतांत्रिक एवं कानूनी पण्रालियों को कारगर तरीके से तथा पूरी तरह हटा दिया है।
• राष्ट्रपति यमीन ने पांच फरवरी को सुप्रीम कोर्ट द्वारा विपक्षी नेताओं के एक समूह की रिहाई का आदेश दिए जाने के बाद आपातकाल की घोषणा की थी।
• जिन विपक्षी नेताओं की रिहाई का सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था उनके खिलाफ मुकदमा की व्यापक आलोचना हुई थी। सुनवाई के बाद इन नेताओं को दोषी ठहराया गया था। इन नेताओं में निर्वासित पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद भी शामिल थे।
• मालदीव में राजनीतिक संकट के दौरान हिन्द महासागर में चीनी युद्धपोत के प्रवेश की रिपोटरें के बीच भारत ने मालदीव सरकार को मंगलवार को चेतावनी दी कि वह देश में आपातकाल समाप्त होने के बाद विपक्षी नेताओं को रिहा करके राजनीतिक प्रक्रिया को तत्काल प्रभाव से बहाल करे।
• विदेश मंत्रालय ने यहां एक बयान में कहा, मालदीव में 5 फरवरी को लगाया गया आपातकाल मंगलवार को शाम को खत्म होना था। हमारी अपेक्षा है कि मालदीव सरकार आपातकाल को आगे नहीं बढ़ाएगी ताकि देश में राजनीतिक प्रक्रिया तत्काल प्रभाव से बहाल हो सके।
• बयान में कहा गया कि आपातकाल समाप्त होने के बाद न्यायपालिका सहित सभी लोकतांत्रिक संस्थाओं को संविधान के अनुरूप स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं पारदर्शी ढंग से काम करने की इजाजत दी जानी चाहिए तथा मालदीव के सुप्रीम कोर्ट के एक फरवरी के आदेश को पूरी तरह से लागू किया जाना चाहिए।
• भारत ने कहा, यह बहुत महत्वपूर्ण है कि मालदीव लोकतंत्र एवं कानून के शासन के मार्ग पर तुरंत लौटे ताकि वहां की जनता की आकांक्षाओं को पूरा किया जा सके और अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चिंताओं को दूर किया जा सके।
2. नेपाल में सबसे बड़ा राजनीतिक विलय
• नेपाल की दो पार्टियां नेकपा (एमाले) और नेकपा (माओवादी सेंटर) ने संघीय और प्रांतीय चुनाव में जबरदस्त जीत हासिल करने के बाद अब ऐतिहासिक विलय कर देश का सबसे बड़े राजनीतिक ब्लॉक का निर्माण किया है जबकि विशेषज्ञों को उम्मीद है कि इससे देश राजनीतिक स्थिरता में प्रवेश कर सकेगा।
• प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के नेतृत्व वाले नेकपा (एमाले) के वाम गठबंधन और पूर्व प्रधानमंत्री प्रचंड के नेतृत्व वाली नेकपा (माओवादी सेंटर) ने दिसम्बर में प्रांतीय और संसदीय चुनाव में 275 सदस्यीय संसद में 174 सीटें पर जीत दर्ज की थी।
• दोनों कम्युनिस्ट पार्टियों के नेताओं की बालूवाटर में सोमवार रात एक बैठक हुई जिसमें आधिकारिक रूप से ‘‘वाम एकता’ के करार को मंजूरी दी गई। इसमें सैद्धांतिक रूप से पार्टी नेतृत्व, पार्टी संगठन और विचारधारा पर सहमति जताई गई।ओली और प्रचंड ने सातंिबदू वाले एक करार पर दस्तखत किए।
• दोनों नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी की स्थापना करने पर सहमत हो गए। मार्क्सहवाद-लेनिनवाद नई पार्टी की मार्गदर्शक विचारधारा होगी। दोनों पार्टियां पिछले साल अक्टूबर में विलय पर एक समझ पर पहुंच गई थीं। इसके बाद वार्ताओं का एक सिलसिला चला जिसमें विभिन्नंिबदुओं पर र्चचा की गई।
• यह नेपाल के इतिहास में सबसे बड़ा राजनीतिक विलय है। संसद में एमाले की 121 सीटें हैं जबकि माओवादी सेंटर के पास 53 सीटें हैं।
3. रेल क्षेत्र में भारत-मोरक्को के बीच सहयोग समझौतों को मंजूरी
• केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत और मोरक्को के बीच रेल क्षेत्र में सहयोग संबंधी समझौते को मंगलवार को मंजूरी प्रदान कर दी। इसके तहत दोनों देश रेलवे के क्षेत्र में दीर्घकाल में सहयोग और गठजोड़ करेंगे। इस सहयोग समझौते पर 14 दिसम्बर 2017 को हस्ताक्षर किए गए थे।
• यह फैसला प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में किया गया। इस सहयोग समझौते के तहत प्रशिक्षण और कर्मचारी विकास, विशेषज्ञ अभियान, अनुभव एवं कर्मियों के आदान प्रदान के क्षेत्रों में तकनीकी सहयोग को बढ़ावा दिया जाएगा।
• रेल मंत्रालय ने विभिन्न देशों की सरकारों एवं राष्ट्रीय रेलवे के साथ रेल क्षेत्र में तकनीकी सहयोग के संबंध में सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किये हैं। इसके तहत हाई स्पीड कारिडोर, वर्तमान मार्गों पर गति को बढ़ाने, विश्व स्तरीय स्टेशनों का विकास व रेलवे आधारभूत ढांचे के आधुनिकीकरण में सहयोग शामिल हैं।
4. महानदी जल विवाद के निपटारे के लिए‘‘न्यायाधिकरण’ के गठन को कैबिनेट की मंजूरी
• केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ओडिशा और छत्तीसगढ के बीच महानदी नदी के जल के बंटवारे के संबंध में विवाद का समाधान निकालने के लिये ‘‘न्यायाधिकरण’ गठित करने को आज मंजूरी प्रदान कर दी।
• केंद्रीय मंत्रिमंडल का यह निर्णय ऐसे समय में आया है जब उच्चतम न्यायालय ने लम्बे समय से चले आ रहे इस विवाद के निपटारे के लिये पिछले महीने केंद्र को निर्देश दिया था कि वह एक महीने में न्यायाधिकरण का गठन करे। ओडिशा सरकार दिसंबर 2016 में अदालत गई थी और महानदी के ऊपरी हिस्से में छत्तीसगढ को परियोजनाओं पर निर्माण कार्य रोकने का आदेश देने की मांग की थी।
• ओडिशा का कहना है कि इससे उस राज्य में नदी का प्रवाह प्रभावित होता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आज केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में महानदी जल बंटवारे के संबंध अंतर राज्य नदी जल विवाद अधिनियम 1956 के तहत न्यायाधिकरण गठित करने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की दी।
• यह न्यायाधिकरण सम्पूर्ण महानदी बेसिन में जल की कुल उपलब्धता के आधार पर नदी के तटीय क्षेत्रों के राज्यों में पानी की हिस्सेदारी सुनिश्चित करेगा। इसके तहत प्रत्येक राज्य के योगदान, प्रत्येक राज्य के जल संसाधनों के वर्तमान उपयोग और भविष्य में इसके विकास की क्षमता पर भी ध्यान दिया जायेगा।
• अंतर राज्य नदी जल विवाद अधिनियम 1956 के तहत गठित न्यायाधिकरण में एक अध्यक्ष और दो अन्य सदस्य होंगे।
5. अंतिम रजिस्टर के प्रकाशन की अवधि बढ़ाने से इनकार
• उच्चतम न्यायालय ने असम में अंतिम राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर प्रकाशन करने की समय सीमा बढ़ाने से मंगलवार को इनकार कर दिया और सरकार को निर्देश दिया कि यह काम 31 मई तक पूरा किया जाए। शीर्ष अदालत ने कहा कि राज्य में करीब एक करोड़ नागरिकों के सत्यापन का काम किसी भी प्रकार की दखल अंदाजी के बगैर ही जारी रहना चाहिए।
• न्यायमूर्ति रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति आर एम नरिमन की पीठ ने कहा कि वह 30 दिन बाद राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर के काम की प्रगति की समीक्षा करेगा।
• अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने जब यह कहा कि व्यावहारिक रूप से इस काम को 31 मई तक पूरा करना संभव नहीं है तो पीठ ने कहा कि उसका काम ही असंभव को संभव बनाना है। पीठ ने कहा, ‘‘अटार्नी जनरल जी जिसे हर व्यक्ति एक बडा मजाक समझ रहा था, वह हकीकत में बदल गया है। हमारा काम ही असंभव को संभव बनाना है और हम ऐसा करेंगे। हम इसकी चार साल से निगरानी कर रहे हैं और हम यह जानते हैं।’
• पीठ ने यह भी स्पष्ट किया कि असम में होने वाले पंचायल और स्थानीय निकायों के मार्च और अप्रैल महीने में होने वाले चुनाव राज्य निर्वाचन आयोग और राज्य सरकार कराएगी। पीठ ने कहा, ‘‘असम में पंचायत और स्थानीय निकायों के चुनाव राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर की तैयारियों की कीमत पर नहीं होंगे और रजिस्टर का काम पहले की तरह ही चलता रहेगा।’
• शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि राज्य निर्वाचन आयोग और राज्य सरकार इन चुनावों को कराने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएंगे। पीठ ने रजिस्टर तैयार करने के काम में अतिरिक्त राज्य संयोजक नियुक्त करने का अनुरोध भी अस्वीकार कर दिया और कहा कि वर्तमान संयोजक प्रतीक हजेला इसके अंतिम निष्कर्ष तक पहुंचने तक काम करते रहेंगे। पीठ इस मामले में अब 27 मार्च को आगे सुनवाई करेगी।
6. कोल इंडिया का एकाधिकार खत्म, खदानों के दरवाजे निजी कंपनियों के लिए भी खुले
• केंद्र सरकार ने आर्थिक सुधारों की रफ्तार बढ़ाते हुए तकरीबन साढ़े चार दशक बाद निजी क्षेत्र को एक बार फिर कोयला खदानों में वाणिज्यिक खनन की मंजूरी दे दी है। इसका मतलब यह हुआ कि सरकार की तरफ से नीलामी के जरिये खरीदे गए कोयला खदान का इस्तेमाल निजी क्षेत्र अपनी मर्जी से कर सकेगा।
• प्राइवेट कंपनियां चाहें तो इसका इस्तेमाल खुद करेंगी या फिर दूसरी कंपनियों को भी बेच सकेंगी। इससे जुड़े प्रस्ताव को मंगलवार को आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने मंजूरी दे दी है।
• इस फैसले का दूसरा मतलब यह भी हुआ कि कोयला क्षेत्र की सरकारी कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड का एकाधिकार खत्म हो गया है।
• वर्ष 1973 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने कानून बनाकर देश के कोयला खदानों का राष्ट्रीयकरण कर दिया था। उसके बाद से सारे कोयला खदान कोल इंडिया लिमिटेड के पास थे। बाद में सरकार ने निजी क्षेत्र को कोयला खदान का आवंटन करना शुरू किया था लेकिन यह सिर्फ उनके अपने इस्तेमाल के लिए होता था। वर्ष 2010 में कोल ब्लॉक यानी कोयला खदानों के आवंटन से जुड़े एक बड़े घोटाले के उजागर होने के बाद इसकी जांच सुप्रीम कोर्ट की अगुवाई में हुई थी। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने आवंटित सभी 204 कोयला ब्लॉकों की नीलामी निरस्त कर दी थी।
• कोयला मंत्री पीयूष गोयल ने इस फैसले के बारे में जानकारी देते हुए बताया, ‘यह कोयला क्षेत्र में अभी तक का सबसे बड़ा सुधार है। यह कोयला क्षेत्र में मौजूदा कंपनियों के प्रदर्शन को बेहतर करेगा। ज्यादा कोयला उत्पादन होगा और सभी को पर्याप्त मात्र में कोयला मिलेगा।
• सीसीईए के फैसले के बाद सरकार इन ब्लॉकों का चयन करेगी जिनकी नीलामी की जाएगी।’ 1सरकार यह भी मानती है कि इस फैसले से देश की ऊर्जा सुरक्षा को भी मजबूती मिलेगी क्योंकि अभी भी देश की 70 फीसद बिजली कोयले से बनती है। अब बिजली बनाने वाली कंपनियों के पास भी विकल्प होगा कि वे अपनी मर्जी की कंपनी से कोयला ले सकेंगी।
• माना जा रहा है कि देसी-विदेशी कंपनियां भारत के कोयला क्षेत्र में अब निवेश करने के लिए आगे आएंगी। कई घरेलू कंपनियां भी इसमें निवेश करने को तैयार हैं। कोयला ब्लॉकों की नीलामी मौजूदा तरीके से ही होगी जिसे काफी पारदर्शी माना जा रहा है।
• नीलामी से प्राप्त होने वाला सारा राजस्व राज्यों के खजाने में जाएगा। 300 अरब टन कोयला होने के आसार है।
7. किसानों की कमाई बढ़ाएगी कुसुम
• किसानों की आय दोगुनी करने के उद्देश्य से उन्हें सौर पंप उपलब्ध कराने की सरकार की महत्वाकांक्षी योजना कुसुम (किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान) की रूपरेखा तैयार हो गई है। इस योजना का खाका अगले दो-तीन सप्ताह में केंद्रीय मंत्रिमंडल के समक्ष रखा जा सकता है।
• ऊर्जा मंत्री आर.के. सिंह ने एक कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं के प्रश्न के उत्तर में कहा कि योजना तैयार है। इसे अगले 20 दिन में मंत्रिमंडल के समक्ष पेश किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि इस दौरान इस पर विभिन्न विभागों की राय ली जाएगी। श्री सिंह ने बताया कि आरंभ में साढ़े सात लाख सौर पंपों के वितरण की योजना है।
• उन्होंने कहा कि सौर पंपों के वितरण की योजना पहले से ही चल रही थी, लेकिन अब यह काम बड़े पैमाने पर किया जाएगा। इससे किसानों की आमदनी बढ़ाने में मदद मिलेगी।कुसुम योजना के बारे में वित्त वर्ष 2017-18 के बजट में घोषणा की गई थी।
• इसके तहत 17 लाख 50 हजार सौर पंप लगाने की योजना है जो ग्रिड से अलग होंगे।केंद्र सरकार योजना के लिए 48,000 करोड़ रपए देगी जबकि शेष 28,250 करोड़ रपए की राशि राज्यों द्वारा ऋण के माध्यम से या स्वयं किसानों द्वारा दी जानी है।
• इसमें उत्पन्न अतिरिक्त ऊर्जा को किसान बिजली वितरण कंपनियों को बेच सकेंगे। इसमें पंपों के साथ लगे सौर पैनलों की क्षमता मौजूदा सौर पंपों की तुलना में दोगुनी की जाएगी।
8. नई बैंकिंग संहिता जल्द
• बैंकिंग कोड्स एंड स्टैंर्डड बोर्ड ऑफ इंडिया (बीसीएसबीआई) ने गतिशील बैंकिंग वातावरण में ग्राहकों के अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नई ‘‘ग्राहकों के प्रति बैंकों की बचनबद्धता संहिता’ जारी की है।
• बीसीएसबीआई के एक बयान में कहा गया है कि सदस्य बैंकों द्वारा नई संहिता को बिना किसी अपवाद के लागू किया जाएगा।
• भारत में बैंकिंग सेवाओं के ग्राहकों के हितों की रक्षा करनेवाला स्वतंत्र बैंकिंग उद्योग वॉचडॉग ने कहा कि संहिता के 2018 के संस्करण में डिजिटल लेनदेन के वातावरण में ग्राहकों के हितों के संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया गया है।
9. पाक नवजातों के लिए सबसे खतरनाक देश: यूनिसेफ
• संयुक्त राष्ट्र की संस्था यूनिसेफ ने पाकिस्तान को नवजात शिशुओं के लिए सबसे खतरनाक करार दिय है। यूनिसेफ की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान में जन्मे प्रति 1,000 बच्चों में से 46 की उसी वक्त मौत हो जाती है।
• इस मामले में भारत ी हालत भी ठीक नहीं है। इस लिस्ट में निम्न मध्य-आय वाले 52 देशों को शामिल किया गया था। लिस्ट में भारत का नंबर 12वां है। रिपोर्ट यूनिसेफ के नए अभियान का हिस्सा है जो नवजात मृत्युदर में कमी लाने के लिए चलाया गया है।
• रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान के बाद मध्य अफ्रीकी गणराज्य नवजात शिशुओं के लिए दूसरा सर्वाधिक खतरनाक स्थान है।
• तीसरे नंबर पर अफगानिस्तान है। यूनिसेफ की इस रिपोर्ट में बताया गया है कि 80 फीसदी नवजातों की मौत की वजह समय से पहले जन्म लेना, ऑक्सीजन की कमी और सेप्सिस तथा न्यूमोनिया सहित जन्मजात संक्रमण जैसी समस्याएं हैं। इन समस्याओं का समय रहते इलाज हो सकता है और इनसे होने वाली मौतों को रोका जा सकता है।
Sorce of the News (With Regards):- compile by Dr Sanjan,Dainik Jagran(Rashtriya Sans