• National Emergency can be declared under Article 352 of the Indian Constitution.
• It can be proclaimed only when the security of India or a part of it is threatened by war, external aggression or armed rebellion.
• During its operation, the state executive and legislature continue to function and exercise the powers assigned to them under the Constitution.
• Under this, the Parliament can make laws on the subject enumerated in the State List only by itself, i. e. , it cannot delegate the same to any other body or authority.
• There is no maximum period prescribed for its operation, and it can be continued indefinitely with the approval of Parliament for every six months.
• Every resolution of Parliament approving its proclamation or its continuance must be passed by a special majority.
• भारतीय संविधान के अनुच्छेद 352 के तहत राष्ट्रीय आपातकाल घोषित किया जा सकता है।
• इसे केवल तब घोषित किया जा सकता है जब भारत या इसके किसी भाग की सुरक्षा को युद्ध, बाह्य आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह का खतरा हो।
• इसके संचालन के दौरान, राज्य की कार्यकारी और विधायिका संविधान के तहत उन्हें सौंपी गई शक्तियों का पालन करते हुए कार्य करती हैं।
• इसके तहत, केवल संसद राज्य सूची में उल्लिखित विषय पर कानून बना सकती है, अर्थात, यह किसी अन्य निकाय या प्राधिकारी को यह उत्तरदायित्व नहीं सौंप सकती है।
• इसके संचालन के लिए कोई अधिकतम अवधि निर्धारित नहीं है, और इसे हर छह महीने के लिए संसद की मंजूरी के साथ अनिश्चित काल तक जारी रखा जा सकता है।
• इसे जारी रखने तथा इसका अनुमोदन करने के लिए संसद के प्रत्येक संकल्प को, विशेष बहुमत से पारित करना होता है।