दैनिक समसामयिकी – 03 November 2018(Saturday)
➡ NATIONAL
1.एक करोड़ तक का कर्ज 59 मिनट में जीएसटी में पंजीकृत इकाइयों को मिलेगी यह सुविधा
• लघु एवं मझोले उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कई नए कदमों की घोषणा की। इसके तहत क्षेत्र की इकाइयों को मात्र 59 मिनट में एक करोड़ रपए तक के ऋण की आनलाइन मंजूरी का प्रावधान किया गया है। देश में एमएसएमई रोजगार देने वाला दूसरा सबसे बड़ा सेक्टर है।
• प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत पंजीकृत एमएसएमई इकाइयां अब इस सुविधा के माध्यम से सिर्फ 59 मिनट में एक करोड़ रपए तक का ऋण हासिल कर सकती हैं। उन्होंने जीएसटी के तहत पंजीकृत एमएसएमई इकाइयों को एक करोड़ रपए की सीमा में अतिरिक्त कर्ज पर ब्याज दर में दो फीसद की ब्याज सहायता दिए की भी घोषणा की।इस क्षेत्र के निर्यातकों के लिए प्रधानमंत्री ने निर्यात से पहले और बाद की जरूरत के लिए मिलने वाले कर्ज पर ब्याज सहायता को तीन फीसद से बढ़ाकर पांच फीसद किया गया है।
• प्रधानमंत्री ने छोटे एवं मझोले उद्यमों को बढ़ावा देने के लिए कुल 12 फैसलों का उल्लेख करते हुए इन्हें ‘‘ऐतिहासिक फैसला’ करार दिया है।मोदी ने कारोबार सुगमता रैंकिंग में 23 अंक की छलांग पर कहा कि उनकी सरकार ने चार वर्ष में जो हासिल किया उसकी बहुत से लोगों को कल्पना नहीं रही होगी। इस दौरान भारत ने जो हासिल किया वह दुनिया के किसी भी देश ने हासिल नहीं किया है।
• कारोबार सुगमता रैंकिंग में भारत 2014 में 142 स्थान से छलांग लगाकर 77वें पायदान पर पहुंच गया।प्रधानमंत्री ने कहा कि विश्व बैंक के कारोबार सुगमता सूचकांक में शीर्ष-50 में भारत को जगह मिलना अब ज्यादा दूर नहीं है। उन्होंने कहा कि नियम और प्रकियाओं में सुधार से छोटे एवं मझोले उद्यमों को आगे बढ़ने में मदद मिलेगी।
• प्रधानमंत्री ने कहा कि निर्यातकों को आपूत्तर्ि पूर्व और आपूर्ति बाद की अवधि में जो ऋण मिलता है उसकी ब्याज दर में छूट को भी सरकार ने तीन से बढ़ाकर पांच फीसद करने का निर्णय लिया है।
• इसके साथ ही उन्होंने छोटे उद्यमियों के नगदी प्रवाह को गति देने एवं बड़ी कंपनियों से भुगतान में विलंब पर होने वाली कठिनाइयों से राहत देने की घोषणा करते हुए कहा कि 500 करोड़ से अधिक टर्नओवर वाली सभी कंपनियों को अब ट्रेड रिसीवेबल ई डिस्काउंट सिस्टम (टीआरईडीएस) प्लेटफार्म पर आना होगा जिससे छोटे उद्योग की नगदी प्रवाह की समस्या दूर करने में मदद मिलेगी।
• उन्होंने सभी सरकारी कंपनियों के जेम प्लेटफार्म पर पंजीयन करने को अनिवार्य बनाने की घोषणा करते हुए कहा कि अब सरकारी कंपनियों को अपने सभी वेंडर एमएसएमई को भी इस प्लेटफार्म पर पंजीकृत कराना होगा जिससे उनके द्वारा की जा रही खरीद में भी छोटे उद्योग को अधिक से अधिक लाभ मिल सकेगा।
2. तीन तलाक अध्यादेश को चुनौती देने वाली अजिर्यां नहीं सुनेगा सुप्रीम कोर्ट
• सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को तीन तलाक अध्यादेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर विचार करने से इन्कार कर दिया। याचिकाओं में गत 19 सितंबर के एक साथ तीन तलाक को दंडनीय अपराध घोषित करने के अध्यादेश को चुनौती दी गई थी।
• मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, केएम जोसेफ और हेमंत गुप्ता की पीठ ने याचिकाओं पर विचार करने से इन्कार करते हुए कहा कि अध्यादेश की समयसीमा छह माह की होती है। इस अध्यादेश को अभी बस दो महीने पूरे होने वाले हैं। इसके अलावा, संसद का शीत सत्र शुरू होने वाला है। उसका इंतजार कीजिये।
• कोर्ट ने कहा कि वह याचिकाओं पर विचार करने का इच्छुक नहीं है। कोर्ट के नकारात्मक रुख को देखते हुए याचिकाकर्ताओं ने अपनी याचिकाएं वापस लेने की इजाजत मांगी जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया। हालांकि एक याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील ने अध्यादेश को संविधान के साथ धोखा कहा जिस पर पीठ ने कहा कि वह ऐसा न कहें।
• मालूम हो कि अध्यादेश सिर्फ छह महीने तक ही लागू रह सकता है और इस बीच अगर संसद का सत्र आता है तो अध्यादेश को संसद से पारित कराना पड़ता है ताकि वह कानून की शक्ल ले सके।
• सुप्रीम कोर्ट के एक बार में तीन तलाक को असंवैधानिक घोषित करने के फैसले के बाद भी जब तीन तलाक का प्रचलन नहीं रुका तो सरकार इसे रोकने के लिए तीन तलाक को अपराध घोषित करने का विधेयक संसद में लायी थी। लोकसभा में विधेयक पास भी हो गया था लेकिन राज्यसभा में पास नहीं हुआ। संसद में मामला लटकता देख सरकार मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक से तत्काल निजात दिलाने के लिए अध्यादेश लाई थी।
• इस अध्यादेश में एक साथ तीन तलाक यानी तलाक-ए-बिद्दत को दंडनीय अपराध घोषित कर तीन साल तक की कैद का प्रावधान किया गया है।
• हालांकि तीन तलाक बिल पर हो रहे विरोध और दुरुपयोग की आशंकाओं पर विचार करते हुए सरकार ने अध्यादेश में कुछ संशोधन किये थे। जैसे कि आरोपित को मजिस्ट्रेट से जमानत मिल सकती है। साथ ही तीन तलाक का मामला पीड़िता या उसके करीबी रिश्तेदार की शिकायत पर ही दर्ज हो सकता है।
• केरल की संस्था समस्त केरला जमीएतुल उलेमा व दो अन्य याचिकाकर्ताओं ने कुल तीन याचिकाएं दाखिल कर सुप्रीम कोर्ट में तीन तलाक अध्यादेश को चुनौती दी थी। याचिकाओं में अध्यादेश को असंवैधानिक और मौलिक अधिकारों का हनन करने वाला बताया गया था।
3. सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का हिंदी में अनुवाद कराने पर विचार
• भले ही सुप्रीम कोर्ट की भाषा अंग्रेजी हो और वहां बहस तथा फैसले अंग्रेजी में सुनाए जाते हों लेकिन संभव है कि अब फैसला हिंदी में भी मिले।
• सुप्रीम कोर्ट इस पर विचार कर रहा है। नए मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने अंग्रेजी भाषा नहीं जानने वाले मुकदमेदारों की पीड़ा को समझा है। वह सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का हिंदी में अनुवाद कराने पर विचार कर रहे हैं।
• मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने शुक्रवार को पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में कहा कि अगर कोई व्यक्ति 30-35 साल मुकदमा लड़ता है और अपनी जमीन हार जाता है। उसके हाथ में अंग्रेजी का फैसला पकड़ाया जाता है। इसमें उसके जमीन हारने की बात होती है लेकिन वह उस फैसले को नहीं समझ सकता क्योंकि उसे अंग्रेजी नहीं आती। वह अगर फैसला समझने के लिए वकील के पास जाता है तो वकील पैसे लिए बगैर फैसला समझाता नहीं है। ऐसे लोगों के लिए फैसलों का अनुवाद होना चाहिए।
• उन्होंने कहा कि वह फैसलों का अनुवाद कराने पर विचार कर रहे हैं। हालांकि अभी सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का हंिदूी में अनुवाद होने की बात विचाराधीन है लेकिन जस्टिस गोगोई का जो दृष्टिकोण है उससे भविष्य में प्रादेशिक भाषाओं में भी फैसलों का अनुवाद होने की उम्मीद है। या आगे चलकर हाईकोर्ट के फैसलों के प्रादेशिक भाषाओं में अनुवाद की उम्मीद पैदा होती है क्योंकि भारत के मुख्य न्यायाधीश न्यायपालिका के मुखिया होते हैं।
• वैसे भी मुख्य न्यायाधीश ने न्यायिक सुधार और ज्यूरिस्प्रूडेंस के उत्थान पर विचार और शोध के लिए इन हाउस थिंक टैंक बनाया है।
• ये थिंक टैंक अन्य चीजों के अलावा सुप्रीम कोर्ट के सैकड़ों पेज के तकनीकी कानूनी भाषा वाले फैसलों की आम जनता की समझ में आने वाली सीधी-साधी भाषा में समरी तैयार करेगा।
• मुख्य न्यायाधीश ने उदाहरण देते हुए कहा कि इससे कि आम आदमी समझ पाएगा कि तीन तलाक पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या व्यवस्था दी है।
➡ ECONOMY
4.एशिया में अब भी भूख से जूझ रहे हैं 48.6 करोड़ लोग : यूएन
• तेजी से हो रहे आर्थिक विकास के बावजूद एशिया-प्रशांत क्षेत्र में अब भी 48.6 करोड़ लोग भूख से जूझ रहे हैं क्योंकि खाद्य सुरक्षा और बुनियादी जीवन स्तर में सुधार संबंधी प्रगति थम सी गई है।संयुक्त राष्ट्र की ओर से जारी एक रिपोर्ट में यह बात कही गयी है।
• खाद्य एवं कृषि संगठन तथा संयुक्त राष्ट्र की तीन अन्य एजेंसियों द्वारा संकलित इस रिपोर्ट में कहा गया है कि तुलनात्मक रूप से बेहतर शहरों जैसे बैंकाक और मलयेशिया की राजधानी क्वालालंपुर में भी गरीब परिवार अपने बच्चों के लिए अच्छा खाना नहीं जुटा पाते हैं। इसका उनके स्वास्य और भविष्य में उत्पादकता पर गंभीर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
• बैंकाक में 2017 में एक तिहाई से ज्यादा बच्चों को पर्याप्त मात्रा में भोजन नहीं मिल रहा था। रिपोर्ट में एक सरकारी सव्रेक्षण के हवाले से कहा गया है कि पाकिस्तान में महज चार फीसदी बच्चों को न्यूनतम स्वीकार्य भोजन मिल रहा है।
5. रिजर्व बैंक व सरकार में टकराव की निगरानी कर रहा आईएमएफ
• अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) ने कहा कि वह रिजर्व बैंक और सरकार के बीच तनातनी की खबरों के बीच स्थिति की निगरानी कर रहा है। उसने कहा कि किसी भी देश में केंद्रीय बैंक की स्वतंत्रता में दखल नहीं दिया जानी चाहिए।ऐसी खबरें हैं कि रिजर्व बैंक और केंद्र सरकार के बीच कुछ मुद्दों पर मतभेद है।
• वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को रिजर्व बैंक की आलोचना की थी और 2008 से 2014 के दौरान अंधाधुंध तरीके से ऋण वितरण पर रोक नहीं लगाने का आरोप मढ़ते हुए रिजर्व बैंक को मौजूदा एनपीए संकट के लिए जिम्मेदार बताया था।आईएमएफ के निदेशक (संवाद) गैरी राइस ने विवाद के बारे में पूछे जाने पर बृहस्पतिवार को संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम इस बाबत स्थिति की निगरानी कर रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे।’
• उन्होंने कहा, ‘‘मैंने पहले भी कहा है कि हम जिम्मेदारी और जवाबदेही का समर्थन करते हैं। और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर श्रेष्ठ तरीका यह है कि केंद्रीय बैंक की स्वतंत्रता में किसी प्रकार की दखल नहीं होनी चाहिए और उसकी कार्य पण्राली में सरकार या उद्योग जगत का हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए।’
• राइस ने कहा कि यह सच है कि कई देशों में केंद्रीय बैंक की स्वतंत्रता बेहद मायने रखती है। राइस ने केंद्रीय बैंक की आलोचना के बढ़ते चलन के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘‘हमें इसका इस तरह अफसोस है कि हमें कई देशों के संदर्भ में बयान देना पड़ रहा है। अत: मुझे लगता है कि यह सर्वश्रेष्ठ प्रतिक्रिया है जो मैं आपको दे सकता हूं।’
6. कारोबारी सुगमता रैंकिंग में भारत की छलांग ऐतिहासिक : विश्व बैंक
• विश्व बैंक के अध्यक्ष जिम योंग किम ने ईज ऑफ डूइंग बिजनेस इंडेक्स में भारत की छलांग को ऐतिहासिक और अप्रत्याशित उपलब्धि करार दिया है। किम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ टेलीफोन पर बातचीत के दौरान यह बात कही।
• प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के एक बयान के अनुसार किम ने रैंकिंग में ऐतिहासिक सुधार के लिए प्रधानमंत्री को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह उल्लेखनीय है कि सवा अरब से ज्यादा आबादी वाले देश भारत ने चार साल की संक्षिप्त अवधि में 65 पायदान की छलांग लगाई है। विश्व बैंक प्रमुख ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के दृढ़ निश्चय और कुशल नेतृत्व के चलते भारत ने यह उपलब्धि अर्जित की है।
• उन्होंने हाल में प्रधानमंत्री को मिले यूएनईपी चैंपियंस ऑफ अर्थ अवार्ड और सियोल पीस प्राइज समेत सम्मानों का उल्लेख किया और इसके लिए उन्हें बधाई दी। किम ने आश्वासन दिया कि ईज ऑफ डूइंग बिजनेस पर भारत के उपायों को विश्व बैंक पूरा समर्थन देता रहेगा।
• हाल में जारी रैंकिंग में भारत ने 23 पायदान की छलांग लगाकर 77वां स्थान हासिल किया। चार साल में उसकी रैंकिंग कुल 65 पायदान सुधरी।
7. एनपीए की फांस से अभी तक नहीं उबर पाए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक
• पिछले तीन दिनों में सरकारी क्षेत्र के जिन बैंकों ने वित्त वर्ष 2018-19 की दूसरी तिमाही के नतीजों का एलान किया, उससे अभी यही लगता है कि इन बैंकों के लिए ‘अच्छे दिन’ अभी कुछ तिमाही दूर हैं।
• फंसे कर्ज (एनपीए) की फांस इन बैंकों के मुनाफे पर भारी चपत लगा रही है। इसका सबसे ताजा उदाहरण पंजाब नैशनल बैंक (पीएनबी) है जिसे दूसरी तिमाही में 4,532 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है। इस घाटे के पीछे मुख्य वजह यही है कि हीरा कारोबारी नीरव मोदी और मेहुल चोकसी ने बैंक को जो 13 हजार करोड़ रुपये का चूना लगाया है, उसकी भरपाई अभी तक की जा रही है।
• दूसरे बैंकों की स्थिति भी कुछ ऐसी ही है। सरकारी क्षेत्र के सिंडिकेट बैंक के प्रदर्शन पर नजर डालें, तो वित्त वर्ष के शुरुआती छह महीनों में 2,825 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है, जबकि पिछले वर्ष की समान अवधि में यह घाटा 158 करोड़ रुपये था। इसके पीछे मुख्य तौर पर 3,953 करोड़ रुपये की प्रोविजनिंग जिम्मेदार है। बैंक को एनपीए की भरपाई के लिए मुनाफे से इस राशि को समायोजित करना पड़ा है।
• यह स्थिति तब है जब बैंक ने दावा किया है कि एनपीए वसूली का उसका तंत्र मजबूत हुआ है। केनरा बैंक को सितंबर, 2018 को समाप्त तिमाही में 300 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ है। यह स्थिति तब है जब बैंक ने इस दौरान 1,700 करोड़ रुपये के ऐसे कर्ज की वसूली की है जिसका समायोजन खाते में किया जा चुका था। बैंक के एनपीए की स्थिति पहले से खराब हुई है।
• देना बैंक को इस दौरान 416 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है जो पिछले साल के मुकाबले लगभग दोगुना है। इंडियन ओवरसीज बैंक को 487 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है। लेकिन जानकारों का कहना है कि बैंक ने एनपीए के लिए प्रोविजनिंग कम की है। जल्द ही दो बैंकों का विलय करने की तैयारी में जुटे बैंक ऑफ बड़ौदा (बीओबी) का प्रदर्शन बेहतर तो रहा है, लेकिन फंसे कर्ज का प्रबंधन इसके लिए भी एक सवाल बना हुआ है।
• पिछली तीन तिमाहियों से लगातार घाटा उठा रहे पीएनबी के एमडी व सीईओ सुनील मेहता का कहना है कि बैंक जल्द मुनाफा कमाने की स्थिति में होगा। बड़े कॉरपोरेट फ्रॉड से बैंक को जो धक्का लगा था, उस राशि की पूरी भरपाई इसी वर्ष कर ली जाएगी। फ्रॉड से बैंक को कुल 14,356.84 करोड़ रुपये का धक्का लगा है जिसका 86 फीसद राशि का समायोजन हो चुका है।
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8. अमेरिकी राष्ट्रपति ने शरणार्थियों पर पकड़ो और रिहा करो की नीति में किया अहम बदलाव
• राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया है कि जन्मसिद्ध नागरिकता के प्रावधान ने अमेरिका में जन्म पर्यटन का पूरा उद्योग खड़ा कर दिया है और चीनी लोगों को इस ‘‘मूर्खतापूर्ण नीति’ का बेहद फायदा मिल रहा है।जन्म पर्यटन (बर्थ टूरिज्म) से आशय लोगों द्वारा केवल बच्चे को जन्म देने के लिए दूसरे देश जाने का चलन है। इनमें से बहुत से लोग जन्म के बाद ही वापस अपने देश चले जाते हैं।
• अमेरिकी राष्ट्रपति ने मंगलवार को मंशा जताई कि अमेरिका में गैर-अमेरिकी माता-पिता के जन्मे बच्चों को स्वत: नागरिकता नहीं देने के लिए वह शासकीय आदेश का रास्ता अपना सकते हैं। ट्रंप ने मिसौरी के कोलंबिया में चुनावी रैली में अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा, इस नीति ने पूरी तरह से एक उद्योग ही बना दिया है। इसे जन्म पर्यटन कहा जाता है जहां पूरी दुनिया से गर्भवती माताएं अमेरिका आती हैं और अपने बच्चों को फौरन आजीवन नागरिकता दिलवा देती हैं।
• राष्ट्रपति ने आरोप लगाया कि विपक्षी डेमोक्रेट किसी भी अवैध विदेशी से जन्मे बच्चे को स्वत: जन्मजात नागरिकता देते रहने के पक्षधर हैं। उन्होंने कहा, जबकि वे कुछ समय के लिए ही हमारी सरजमीं पर रहते हैं।
• अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शरणार्थियों पर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि देश में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे अवैध प्रवासियों को अब सीमा पर पकड़ लिया जाएगा और उन्हें रिहा नहीं किया जाएगा। इतना ही नहीं अमेरिका की ओर बढ़ रहा काफिला अगर सैनिकों पर पथराव करता है तो सेना उन पर गोलियां चला सकती है।
• अवैध शरणार्थियों के लिए पकड़ो और रिहा करो की नीति में अहम बदलाव की घोषणा करते हुए ट्रंप ने बृहस्पतिवार कहा कि अमेरिकी अदालत द्वारा उनकी शरण की अर्जी पर फैसला सुनाने के बाद ही उन्हें रिहा किया जाएगा। अगर फैसला उनके पक्ष में नहीं आता तो उन्हें उनके मूल देश भेज दिया जाएगा। ट्रंप ने कहा, ‘‘हम अपने देश में अब उन्हें रिहा नहीं करने जा रहे हैं। उन्हें लंबा इंतजार करना होगा। हम बड़े शहरों को छावनी में तब्दील कर रहे हैं, सेना अद्भुत तरीके से हमारी मदद कर रही है।’
• राजनीतिक रूप से अहम मध्यावधि चुनाव से पहले नीति को लेकर यह भाषण तब दिया गया है, जब ऐसा अनुमान है कि तीन लातिन अमेरिकी देशों अल साल्वाडोर, होंडुरास और ग्वाटेमाला से 5,000-7,000 के बीच शरणार्थियों का काफिला अमेरिका की ओर बढ़ रहा है। ट्रंप ने उन्हें रोकने के लिए दक्षिण-पश्चिम सीमा पर सेना तैनात की है। उन्होंने कहा, ‘‘इस समय शरणार्थियों का बड़ा काफिला हमारी दक्षिणी सीमा की ओर बढ़ रहा है। कुछ लोग इसे आक्रमण कहते हैं। यह आक्रमण की तरह है।
• ट्रंप ने कहा कि ऐसे काफिलों को घुसने नहीं दिया जाएगा और उन्हें वापस लौट जाना चाहिए क्योंकि ‘‘वे अपना समय बर्बाद’ रह रहे हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें अमेरिका में आने के लिए आवेदन देना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि कुछ नहीं होगा लेकिन अगर होता है तो हम पूरी तरह तैयार हैं।’
• राष्ट्रपति ने कहा कि पकड़ो और रिहा करो की नीति दुनियाभर में हास्यास्पद विषय है। उन्होंने कहा, ‘‘हम उन्हें देश में नहीं आने देंगे और हम उन्हें रिहा नहीं कर रहे और हम ऐसा कुछ नहीं करने जा रहे जो वर्षों से होता रहा है जो हमारे देश के लिए बेहद भयानक है।’
9. श्रीलंकाई संसद की बैठक अब 7 को होगी
• श्रीलंका की संसद के स्पीकर कारू जयसूर्या ने शुक्रवार को कहा कि राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने सात नवंबर को संसद की बैठक बुलाने पर सहमति प्रकट की है। गौरतलब है कि श्रीलंका में रानिल विक्रमसिंघे की जगह पूर्व राष्ट्रपति म¨हदा राजपक्षे के प्रधानमंत्री बनने के बाद से मौजूदा राजनीतिक संकट में नया मोड़ आ गया है।
• संसद पर जारी गतिरोध कब खत्म होगा इसको लेकर बृहस्पतिवार तक असमंजस की स्थिति बनी हुई थी, क्योंकि सिरिसेना ने 16 नवंबर तक बैठक निलंबित कर दी थी। विवादास्पद तरीके से नियुक्त प्रधानमंत्री राजपक्षे ने बृहस्पतिवार को कहा कि संसद की बैठक पांच नवंबर को बुलायी जाएगी।
• हालांकि राजपक्षे के वफादारों ने बाद में इससे इनकार किया। राष्ट्रपति सिरिसेना की पार्टी ने बृहस्पतिवार की रात कहा कि संसद की बैठक 16 नवंबर के पहले आयोजित नहीं होगी।
10. ईरान से तेल आयात पर नहीं लगेगी पाबंदी
• अमेरिका ने ईरान पर प्रतिबंध लागू होने के बाद की अवधि के लिए भी आठ देशों को वहां से कच्चा तेल आयात करने की इजाजत दे दी है। हालांकि इन देशों को छह महीने के भीतर ईरान से तेल आयात शून्य पर लाना होगा। सूत्रों के मुताबिक इन देशों में भारत का भी नाम शामिल है। वैसे अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने कहा है कि देशों के नाम सोमवार को सार्वजनिक किए जाएंगे।
• पोंपियो के मुताबिक इन देशों ने ईरान से तेल आयात में भारी कटौती की है और इसी आधार पर इन्हें छूट देने का फैसला किया गया है।1इससे पहले अमेरिकी अधिकारी ने कहा था कि जिन देशों को आयात जारी रखने की छूट मिलेगी, उनमें भारत, जापान और दक्षिण कोरिया भी शामिल हैं।
• अमेरिका पहले यह चाहता था कि भारत समेत हर देश चार नवंबर तक ईरान से तेल खरीदना पूरी तरह बंद कर दें। लेकिन ऐसा लगता है कि ईरान के कच्चे तेल की बिक्री पूरी तरह से बंद करने पर तेल कीमतों पर होने वाले इसके असर को समझते हुए अमेरिका ढील देने पर सहमत हुआ है। भारत ईरान का दूसरा सबसे बड़ा कच्चा तेल खरीदार है। ईरान से सबसे ज्यादा कच्चा तेल चीन खरीदता है।
• नई दिल्ली के एक सूत्र ने कहा कि भारत ईरान से अपनी खरीद को 12.5 लाख टन मासिक या 1.5 करोड़ टन सालाना (तीन लाख बैरल रोजाना) पर सीमित करने के लिए तैयार है। वित्त वर्ष 2017-18 में भारत ने ईरान से 2.26 करोड़ टन (4.52 लाख बैरल रोजाना) तेल खरीदा था।
• पोंपियो ने कहा कि अमेरिका ईरान पर लगाए जा रहे प्रतिबंध से आठ देशों को तात्कालिक राहत देगा, क्योंकि उन देशों ने ईरान से तेल आयात में महत्वपूर्ण कटौती की है।
➡ SCIENCE
11. नासा के यान ‘डॉन’ का सफर खत्म
• हफ्तेभर के अंदर अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने अपने एक और अभियान की समाप्ति की घोषणा की है। नासा ने बताया कि 11 साल पहले क्षुद्रग्रहों (एस्टेरॉयड) के अध्ययन पर भेजा गया अंतरिक्ष यान ‘डॉन’ रिटायर हो गया है। एजेंसी के मुताबिक, ईंधन समाप्त होने के कारण इससे संपर्क टूट गया।
• मंगलवार को नासा ने अपने स्पेस टेलीस्कोप केप्लर के रिटायर होने का एलान किया था। केप्लर नौ साल से अभियान पर था और इसने 2600 से ज्यादा ग्रहों की खोज की थी।
• नासा ने बताया कि 31 अक्टूबर और एक नवंबर को डॉन नासा के डीप स्पेस नेटवर्क से संपर्क साधने में विफल रहा था। इसके बाद वैज्ञानिकों ने संपर्क टूटने के कारणों की पड़ताल की। पड़ताल के बाद वैज्ञानिकों ने पाया कि यान का ईंधन हाइड्राजीन खत्म हो गया है। इसके बाद यान को आधिकारिक रूप से रिटायर घोषित कर दिया गया।
• यह ईंधन यान को अपने एंटीना नियंत्रित करने में मदद करता था। इसी की सहायता से यान अपने एंटीना को इस हिसाब से नियंत्रित कर पाता था, जिससे पृथ्वी पर संपर्क स्थापित हो सके। इसके अलावा सूर्य के प्रकाश से रिचार्ज होने के लिए सौर पैनलों को नियंत्रित करने में भी ईंधन की जरूरत होती थी। ईंधन खत्म होने से यान इन सभी गतिविधियों में अक्षम हो गया और उसका संपर्क टूट गया।
• किए थे अहम अध्ययन : 2007 में लांच किए गए डॉन ने एस्टरॉयड बेल्ट के दो सबसे बड़े पिंडों वेस्टा और सेरेस पर अध्ययन किया था। नासा के साइंस मिशन डायरेक्टरेट के एसोसिएट एडमिनिस्ट्रेटर थॉमस जुबरुचेन ने कहा, ‘डॉन ने वेस्टा और सेरेस से जुड़े जो डाटा जुटाए, वे बेहद महत्वपूर्ण हैं।
• इन डाटा और तस्वीरों की मदद से अपने सौरमंडल के निर्माण और विकास को समझने में हमें मदद मिली।’ अपने 11 साल के सफर में डॉन ने कुल 6.9 अरब किलोमीटर की दूरी तय की थी।
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