दैनिक समसामयिकी – 21 November 2018(Wednesday)
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1.आईएमडी बिजनेस स्कूल की सूची में स्विटजरलैंड शीर्ष पायदान पर
• भारत 63 देशों की ग्लोबल टैलेंट रैंकिंग में दो पायदान फिसलकर 53वें स्थान पर आ गया है। इस सूची में स्विट्जरलैंड शीर्ष पर है। जबकि एशिया में सिंगापुर सूची में सबसे ऊपर है। यह 13वें स्थान पर है।
• आईएमडी बिजनेस स्कूल ऑफ स्विट्जरलैंड ने इस सूची में प्रतिभाओं के विकास, उन्हें आकर्षित करने और अपने साथ जोड़े रखने के आधार पर 63 देशों को रैंकिंग दी है।
• चीन इस सूची में 39वें स्थान पर है। कुशल विदेशी श्रमिकों को आकर्षित करने में आने वाली मुश्किलों और शिक्षा पर सरकारी खर्च अन्य विकसित अर्थव्यवस्थाओं के औसत से कम रहने के कारण चीन को निचले स्थान पर रखा गया है। भारत 2017 की इस सूची में 51वें पर था।
• देश का प्रदर्शन टैलेंट पूल की गुणवत्ता के मामले में औसत से बेहतर है। इसमें भारत 30वें स्थान पर है। वहीं दूसरी ओर अपनी शैक्षणिक प्रणाली की गुणवत्ता और सरकारी शिक्षा के क्षेत्र में निवेश की कमी के कारण निवेश और विकास के मामले में भारत 63वें स्थान पर है। ब्रिक्स देशों में ब्राजील 58वें, दक्षिण अफ्रीका 50वें और रूस 46वें स्थान पर है।
• 3 कारकों पर आधारित है रैंकिंग :- आईएमडी ने यह रैकिंग तीन कारकों -निवेश और विकास,अपील, तैयारी को ध्यान में रखकर दी है।
• स्विट्जरलैंड लगातार पांचवें साल शीर्ष पर:- ग्लोबल टैलेंट रैंकिंग में स्विट्जरलैंड लगातार पांचवें साल सूची में शीर्ष पर रहा है। डेनमार्क दूसरे, नॉर्वे तीसरे, आस्ट्रिया चौथे और नीदरलैंड पांचवें स्थान पर है। इसके बाद कनाडा छठे स्थान पर है। टॉप-10 में यह एकमात्र गैर-यूरोपीय देश है। फिनलैंड सातवें, स्वीडन आठवें, लक्जमबर्ग नौवें और जर्मनी दसवें स्थान पर है।
बॉटम-5 रैंकिंग में यह देश
देश रैंकिंग
स्लोवाक रिपब्लिक 59
कोलंबिया 60
मेक्सिको 61
मंगोलिया 62
वेनेजुएला 63
2. भारत रूस की मदद से बनाएगा दो युद्धपोत
• एस-400 सिस्टम के बाद भारत और रूस के बीच एक और बड़ी डील हुई है। रूस की मदद से भारतीय सेना के लिए गोवा में दो युद्धपोत का निर्माण होगा। अधिकारियों ने बताया कि मंगलवार को भारत और रूस ने टेक्नॉलजी ट्रांसफर मॉडल के तहत 50 करोड़ डॉलर (3570 करोड़ रु पए) की इस डील पर हस्ताक्षर किए।
• रक्षा सहयोग के तहत सरकार से सरकार के बीच यह समझौता हुआ है। इस प्रॉजेक्ट के लिए भारत की डिफेंस पीएसयू गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (जीएसएल) और रूस की प्रमुख सरकारी कंपनी रोसोबोरोनेक्सपोर्ट के बीच समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
• इस डील के तहत रूस जीएसएल को डिजाइन, टेक्नॉलजी और कुछ सामग्री देगा जिससे भारत में शिपों का निर्माण किया जा सके। जीएसएल के सीएमडी शेखर मित्तल ने बताया, ‘‘हमने गोवा में दो युद्धपोत बनाने के लिए रूस के साथ 50 करोड़ डॉलर की डील फाइनल की है।’
• उन्होंने बताया कि साल 2020 में शिपों का निर्माण शुरू होगा और पहला युद्धपोत सेना में शामिल होने के लिए 2026 में बनकर तैयार होगा जबकि दूसरे के 2027 तक तैयार होने की उम्मीद है।
• रूस जिन दो युद्धपोतों को बनाने के लिए भारत को मदद दे रहा है, उनकी खासियत भी दमदार है। बताया जा रहा है कि स्टील्थ एयरक्राफ्ट की तरह ये दोनों युद्धपोत सोनार और रेडार की पकड़ में नहीं आएंगे। स्टील्थ टेक्नॉलजी के कारण दुश्मन के इलाके में इन्हें अपने मिशन को पूरा करने में काफी मदद मिलेगी।
• एस-400 की हो चुकी है डीलआपको बता दें कि हाल ही में अमेरिकी प्रतिबंधों की चुनौती को दरकिनार करते हुए भारत ने रूस के साथ एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम्स की डील की है। रूस करीब 5 अरब डॉलर यानी 40 हजार करोड़ रु पए में एस-400 डिफेंस सिस्टम की पांच रेजिमेंट्स भारत को बेचेगा।
• यह डिफेंस सिस्टम भारत को 2020 में मिलेगा, जिससे देश की एयर फोर्स मजबूत होगी।
3. भारत, वियतनाम रक्षा संबंध प्रगाढ़ करने पर सहमत
• भारत और वियतनाम रक्षा तथा तेल एवं गैस के क्षेत्र में संबंध और प्रगाढ़ करने को सहमत हुए हैं। राष्ट्रपति रामनाथ को¨वद ने यहां अपने समकक्ष गुयेन फूट्रोंग के साथ मंगलवार को इस सिलसिले में सार्थक एवं विस्तृत वार्ता की।राष्ट्रपति को¨वद यहां तीन दिनों की यात्रा पर आए हैं।
• वार्ता से पहले वियतनामी राष्ट्रपति भवन में उनकी सैन्य सम्मान के साथ अगवानी की गई। को¨वद की राष्ट्रपति के तौर पर दक्षिण पूर्व एशिया और आसियान क्षेत्र की यह पहली यात्रा है। एक आधिकारिक बयान के मुताबिक अपनी वार्ता के दौरान दोनों नेताओं ने कई सारे द्विपक्षीय एवं बहुपक्षीय मुद्दों पर र्चचा की।को¨वद ने कहा, ‘‘राष्ट्रपति फूट्रोंग के साथ मेरी वार्ता विस्तृत और रचनात्मक रही।
• हमारी र्चचा संपूर्ण द्विपक्षीय और बहुपक्षीय विषयों पर हुई। दोनों नेताओं ने राष्ट्रीय संप्रभुता और अंतरराष्ट्रीय कानून का सम्मान करते हुए शांतिपूर्ण एवं समृद्ध ¨हद – प्रशांत क्षेत्र बनाने की बात दोहराई। उन्होंने कहा, ‘‘हम रक्षा के क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग और मजबूत करने, परमाणु ऊर्जा का शांतिपूर्ण उपयोग करने, बुनियादी ढांचे और कृषि का विकास करने तथा नवाचार आधारित कार्य करने को राजी हुए हैं।’
• दोनों देशों ने संचार, शिक्षा और व्यापार एवं निवेश के क्षेत्र में सहमति पत्र पर भी हस्ताक्षर किए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हम अपने रक्षा एवं सुरक्षा सहयोग को और मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। मैं वियतनाम सशस्त्र बलों को प्रशिक्षण मुहैया करने के भारत के वादे को दोहराता हूं। हम वियतनामी बार्डर गार्ड के लिए हाई स्पीड गश्त नौका बनाने के लिए 10 करोड़ डॉलर की कर्ज सहायता भी देंगे।’
• अपनी वार्ता के दौरान दोनों नेताओं ने आतंकवाद के सभी रूपों की ¨नदा की। बयान के मुताबिक वे इस बुराई के खिलाफ नियंतण्र लड़ाई मजबूत करने को तैयार हुए। उन्होंने कहा, ‘‘हमने इस बात पर संतोष जताया कि देनों देश समुद्री सुरक्षा मजबूत करने के लिए शीघ्र ही वार्ता शुरू करेंगे।’
• उन्होंने कहा कि भारत – वियनताम के बीच आर्थिक संबंध बढ रहे हैं। पिछले साल हमारा द्विपक्षीय व्यापार 12. 8 अरब डॉलर था। हम 2020 तक 15 अरब डॉलर के लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं।
• राष्ट्रपति ने कहा कि वियतनाम के दिवंगत राष्ट्रपति हो ची मिन्ह की 1958 में भारत की 11 दिनों की ऐतिहासिक यात्रा के 60 साल बाद वह इस देश के दौरे पर आए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे इस बात को लेकर गर्व है कि आसियान क्षेत्र की मेरी प्रथम यात्रा वियतनाम की हो रही है, जो भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी का एक रणनीतिक स्तंभ है और आसियान में हमारा मुख्य वार्ताकार है।’
5. मलेरिया के 80 फीसद मामले भारत एवं 15 अन्य देशों में : डब्ल्यूएचओ
• विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की एक रिपोर्ट के मुताबिक 2017 में पूरी दुनिया में सामने आए मलेरिया के कुल मामलों में से 80 फीसद मामले भारत और 15 उप सहारा अफ्रीकी देशों से थे। साथ ही इस रिपोर्ट में यह भी देखा गया कि भारत में 1.25 अरब लोग इस मच्छर जनित बीमारी की चपेट में आने की कगार पर थे।
• हालांकि डब्ल्यूएचओ की 2018 के लिए विश्व मलेरिया रिपोर्ट में एक सकारात्मक बात भी कही गई है जिसके मुताबिक भारत एकमात्र ऐसा देश है जिसने 2016 के मुकाबले 2017 में मलेरिया के मामलों को घटाने में प्रगति की है।
• इसमें कहा गया कि विश्व भर में मलेरिया के करीब आधे मामले पांच देशों से सामने आए जिनमें नाइजीरिया (25 प्रतिशत), कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य (11 प्रतिशत), मोजाम्बिक (पांच प्रतिशत) और भारत एवं युगांडा से चार-चार फीसद मामले देखे गए।
• रिपोर्ट में कहा गया है कि कुल मिला कर विश्व भर में मलेरिया के 80 प्रतिशत मामले 15 उप सहारा अफ्रीकी देशों और भारत से थे। भारत में 1.25 अरब लोगों पर मलेरिया की चपेट में आने का जोखिम था। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत उन देशों में से है जिन्होंने इलाज में असफलता की उच्च दर का पता लगाया और फिर अपनी इलाज संबंधी नीतियों में बदलाव किया।
• आगे रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत और इंडोनेशिया वर्ष 2020 तक मलेरिया के मामलों में 20 से 40 फीसद की कमी लाने की राह पर हैं। मलेरिया से हर साल, एक अनुमान के अनुसार 660,000 लोगों की जान जाती है।
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6. खगोलविदों ने गामा किरणों में विस्फोट का अंदेशा जताया
• खगोलविदों ने एक खगोलीय घटना की संभावना जताई है, जिसमें गामा किरणों का विस्फोट करने की क्षमता है। यह घटना बिग बैंग के बाद दूसरी सबसे बड़ी घटना है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने मंगलवार को यहां प्रकाशित शोध के हवाले बताया, वैज्ञानिकों ने खुलासा किया है कि उन्होंने अपनी आकाशगंगा में यहां से 8,000 प्रकाशवर्ष दूर ऐसे पहले दुर्लभ संयोग को पहचाना है।
• वैज्ञानिकों ने कहा कि इस तरह एक तारे से गामा किरण के विस्फोट में पृवी से ओजोन की परत हटाने की क्षमता होती है, लेकिन किस्मत से यह हमसे बहुत दूर है। नीदरलैंड्स इंस्टीट्यूट फॉर रेडियो एस्ट्रोनॉमी के मुख्य शोधकर्ता जो कैलिंघम ने कहा, ‘‘हमें तुरंत पता चल गया था कि हमने कुछ असाधारण घटना देखी है।
• रेडियो से इंफ्रारेड तक स्पेक्ट्रम के चारों तरफ चमक चार्ट से बाहर थी।’ इस घटना को एपेप उपनाम दिया गया है। एपेप के तारों में से दो तारे वोल्फ-रायेट श्रेणी के हैं जिसका मतलब वे विशाल और अपने अंत के करीब हैं।
• ये तारे किसी भी समय सुपरनोवा में बदल सकते हैं, जिससे पल्रयकारी गामा किरण विस्फोट हो सकता है। न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी के सह-शोधकर्ता बेंजामिन पोप ने कहा, ‘‘त्वरित चक्करों ने एपेप को एक संपूर्ण नई कक्षा में कर दिया है।’
7. मंगल के जेजीरो क्रेटर पर उतरेगा नासा का यान
• हमारी आकाश गंगा में मंगल ऐसा ग्रह है, जिस पर वैज्ञानिकों की निगाहें सबसे अधिक हैं। इस पर लगातार अध्ययन किए जा रहे हैं और जीवन की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं। हाल ही में एक अध्ययन में सामने आया कि उफनाती झीलों के कारण मंगल पर घाटियां बनीं। इससे वहां पानी के भी संकेत मिलते हैं।
• यही वजह है कि यह ग्रह वैज्ञानिकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। अब अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के वैज्ञानिक इसके रहस्यों को उजागर करने की दिशा में एक और मिशन की तैयारी कर चुके हैं।
• नासा ने 2020 के अपने मंगल मिशन को लैंड कराने की जगह तय कर ली है। लैडिंग के लिए 60 स्थल प्रस्तावित किए गए थे। सभी नामों पर लंबी चर्चा के बाद नासा ने भू-विज्ञान की दृष्टि से लाल ग्रह के सबसे उन्नत इलाके ‘जेजीरो क्रेटर’ का चुनाव किया है।
• 45 किलोमीटर में फैला हुआ यह क्रेटर (कटोरे के आकार का गड्ढा) मंगल के भूमध्य रेखा के उत्तर में स्थित है। प्राचीन समय में इस क्रेटर के पास झील का डेल्टा (दहाना) था। इस कारण यहां से काबरेनेट और चिकनी मिट्टी समेत पांच तरह की चट्टानों का नमूना मिलने की संभावना है।
• बता दें कि मंगल ग्रह के अन्वेषण के लिए नासा जुलाई 2020 में अपना नया रोवर लांच कर सकता है। इस मिशन के तहत लाल ग्रह पर जीवन के चिह्नें की तलाश के साथ ही चट्टानों और मिट्टी के नमूने भी इकट्ठे किए जाएंगे।
• मिल सकती है रोचक जानकारी : इस क्रेटर का कुछ हिस्सा 3.6 अरब साल पुराना है। इसके अध्ययन से ग्रहों के विकास से संबंधित कई सवालों के जवाब मिल सकते हैं।
• इस क्षेत्र से इकट्ठा किए गए नमूनों से मंगल और उस पर जीवन की संभावना से जुड़ी कई रोचक जानकारियां मिलेंगी। आसपास डेल्टा होने के कारण वैज्ञानिक इस क्षेत्र से प्राचीन जैविक अणु और अरबों साल पहले यहां की झील में मौजूद सूक्ष्मजीवों के बारे में भी जान सकते हैं।
• इस क्रेटर के पास कई ऊंची-नीची चट्टान व बालू भी है। इसकी यह विविधता वैज्ञानिकों के लिए आर्कषण तो है, लेकिन यहां रोवर लैंड कराना भी चुनौतीपूर्ण होगा। लैंडिंग की जगह का चुनाव होने से वैज्ञानिक रोवर की सुरक्षित लैंडिंग करा पाएंगे।
Source of the News (With Regards):- compile by Dr Sanjan,Dainik Jagran(Rashtriya Sanskaran),Dainik Bhaskar(Rashtriya Sanskaran), Rashtriya Sahara(Rashtriya Sanskaran) Hindustan dainik(Delhi), Nai Duniya, Hindustan Times, The Hindu, BBC Portal, The Economic Times(Hindi& English)