आज का प्रेरक प्रसंग
➡ नया नज़रिया
एक बालक के मन में नई-नई बातों को जानने की जिज्ञासा थी। उस बालक के मोहल्ले में एक मौलवी रहते थे। एक दिन अब्दुल उन के पास गया और बोला, ‘मै कामयाब बनना चाहता हूं, कृपया बताएं कि कामयाबी का रास्ता क्या है ?’
हंसते हुए मौलवी साहब बोले, ‘बेटा, मै तुम्हें कामयाबी का रास्ता बताऊंगा, पहले तुम मेरी बकरी को सामने वाले खूंटे से बांध दो, कह कर उन्होंने बकरी की रस्सी बालक को दे दी। वह बकरी किसी के काबू में नहीं आती थी।
अतः जैसे ही बालक ने रस्सी थामी कि वह छलांग लगा, हाथ से छूट गई। फिर काफी मशक्कत के बाद बालक अब्दुल ने चतुराई से काम लेते हुए तेजी से भाग कर बकरी को पैरों से पकड़ लिया। पैर पकड़े जाने पर बकरी एक कदम भी नहीं भाग पाई और अब्दुल उसे खूंटे से बांधने में कामयाब हुआ।
यह देख मौलवी साहब बोले, ‘शाबाश, यही है कामयाबी का रास्ता। जड़ पकड़ने से पूरा पेड़ काबू में आ जाता है। अगर हम किसी समस्या की जड़ पकड़ लें, तो उस का हल आसानी से निकाल सकते हैं।
बालक ने इसी सूत्र को आत्मसात कर लिया और जीवन में आगे बढ़ता गया। बड़े होकर यही बालक अब्दुल गफ्फार खां के नाम से प्रसिद्ध हुआ। जिन्हें सीमांत गांधी के नाम से भी जाना जाता है।
🔮🔮 शिक्षा 🔮🔮 Moral of the Story ::
हमे किसी भी समस्या का हल तब तक नही मिलता जब तक हम उसकी जड़ को नही पकड़ लेते अत: हर समस्या का समाधान उसकी जड़ काबू मे आने पर ही होता है