जानिए ईट के भट्टों में काम करने वाले एक लड़के ने UPSC में कैसे हासिल की 339वीं रैंक
महाराष्ट्रा के औरंगाबाद जिले के एक गरीब किसान जिसके पास परिवार का पेट भरने के लिये सिर्फ दो एकड़ जमीन है, के बेटे शेख सलमान पटेल ने UPSC के नतीजों में कामयाबी हासिल करके नाम रोशन किया है।
एक हिंदी वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार सलमान का परिवार बहुत ज़्यादा गरीब है जिनका घर खेत पर ही बना हुआ है। फुलंब्री तहसील से तीन किलोमीटर दूर एक गांव के शेख सलमान ने यूपीएससी परीक्षाा में 339 वां स्थान हासिल किया है।
बकौल शेख सलमान- मैं जब सातवीं क्लास में था तो आर्थिक तंगी के कारण पढ़ाई छोड़ने की नौबत आ गई थी। ऐसे में मेरे पिताजी ने मेरा एडमिशन मदरसे में करा दिया था। मैंने मदरसे के साथ-साथ अपनी स्कूलिंग भी पूरी की।
दोस्तों से मांगते थे किताब
शेख कहते हैं कि- जब मैं 12वीं में था तो मेरा स्कूल घर से काफी दूर था। इसके अलावा खाना खाने के लिए मैं पांच किलोमीटर दूर जाया करता था।
शेख सलमान ने इंटरव्यू में बताया- जब मैं किताबें खरीद नहीं सकता था तो दोस्तों से बुक्स मांगकर उसकी फोटो कॉपी कर लेता था। शेख सलमान ने अपना पहला attempt साल 2015 में दिया था। इस अटेंप्ट में फेल होने के बाद उन्होंने आर्थिक कारणों के कारण सिविल सर्विस की तैयारी छोड़ दी थी।
जिद के आगे जीत है
सलमान ने कहा, ‘मुझे अभी तक भरोसा नहीं हो रहा कि मैंने सिविल सर्विस परीक्षा पास कर ली है’। मैं अपनी बेहतर क्षमताओं के साथ लोगों की सेवा करूंगा। मेरी बड़ी बहन ने 12 वीं तक पढ़ाई की है, बड़े भाई कंप्यूटर साइंस स्नातक हैं और मेरा छोटा भाई 8 वीं में है। कम कमाई के बावजूद, मेरे पिता ने यह सुनिश्चित किया कि हमारा अध्ययन पूरा हो।
चौथी कोशिश में सफलता नहीं मिलने पर सलमान को काफी निराशा थी, लेकिन आखिरी प्रयास में मेहनत सफल रही। सलमान ने मौलाना आजाद कॉलेज से बीएसएसी किया है। उन्होंने औरंगबाद में रहते हुए दो बार यूपीएससी की परीक्षा दी और इसके बाद दिल्ली में जामिया मिलिया में रहकर तैयारी की. सलमान तैयारी के लिए हर दिन लगभग 8-9 घंटे पढ़ाई करते थे।
सलमान ने आशा नहीं छोड़ी और जो सपना उन्होंने देखा उसे हासिल करके रहे। दोस्तों जो असफलता से रुकते नहीं वही इतिहास बनाते हैं। बाकि तो सब इतिहास पढ़ते है बस।
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