How to Improve Writing Skills in Hindi – Target Mains

By | August 22, 2019

एक_प्रभावपूर्ण_उत्तर_कैसे_लिखा_जाए

चलिए मित्रों शुरुआत करते हैं भविष्य की ओर मान लीजिए मैं आपको एक नदी में धक्का दे देता हूं और आपके पास तैरने की कला नहीं है तो आप क्या करेंगे ? आप अपने मन में विचार कर रहे होंगे कि आप अपनी सांस अंदर खींच लेंगे और ज्यादा से ज्यादा कोशिश करेंगे अपने हाथ और पैरों को पानी में किसी भी तरह बार-बार डालने की और सतह के ऊपर बने रहने की l आपके अंदर यही विचार चल रहा होगा … मगर इस विचार के कार्य के साथ आप कितने समय तक सतह के ऊपर रह पाएंगे ? कुछ ही समय तक ! अंत में आप की मृत्यु हो जाएगी l

बस यही मुख्य परीक्षा में लेखन कला का काम होता है क्योंकि जब तक आप को तैरना नहीं आता आप उसे अच्छे से सीख नहीं जाते हैं आप सतह पर नहीं रह सकते हैं उसी तरह जब तक आपको लेखन कला नहीं आ जाती तो आप मुख्य परीक्षा में सिर्फ प्रयास ही करते रहेंगे लेकिन कभी सफल नहीं हो पाएंगे। इसीलिए सबसे ज्यादा आवश्यक है कि आपकी लेखन कला कैसी हो जिसके लिए उससे भी ज्यादा जरूरी है पूछे गए प्रश्न को समझना कि आखिरकार प्रश्न कर्ता आपसे क्या जानकारी लेना चाहता है इस बात को समझना । जैसे बहुत से प्रश्न में कई प्रकार के शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है जिनमें *व्याख्या, वर्णन, समीक्षा, विश्लेषण, मीमांसा, टिप्पणी और परीक्षण* जैसे बहुत से शब्दों का प्रयोग किया जाता है।


मगर हमें यही नहीं पता होता कि इन शब्दों में विभेद क्या है और हम सभी का उत्तर एक समान ही लिख देते हैं और यहीं पर प्रश्न कर्ता समझ जाता है कि यह व्यक्ति लिख कुछ और रहा है और मैं इस से पूछ कुछ और रहा हूं । इसी वजह से हमें लगता है कि हमने अपनी बहुत मेहनत के साथ में लिखा है और प्रश्न कर्ता के सामने आपकी मेहनत किसी भी अंक के लिए मायने नहीं होती । इसीलिए आज मैं आपको प्रश्न को किस प्रकार समझना है और उसका उत्तर किस प्रकार लिखना है इस विषय में समझा रहा हूं जिसके लिए हमने 4 तरह के बिंदु तैयार किए हैं जो निम्न प्रकार है ।

1 :- स्पष्टीकरण – व्याख्या, वर्णन, विवरण, स्पष्ट करो, प्रकाश डालो जैसे शब्दों को हम प्रथम बिंदु में रखते हैंl जिसमें इन सभी के उत्तर में आपको सिर्फ विषय के बारे में सरल भाषा में जानकारी देनी होती है आप जितना सरल और स्पष्ट लिखते हैं प्रश्न कर्ता उतना ही खुश हो जाता है ।

2:- मूल्यांकन – आलोचना, समीक्षा, समालोचना, परीक्षण, निरीक्षण, गुण – दोष इन सभी शब्दों को हम दूसरे बिंदु में समाहित करते हैं । जिसका उत्तर लिखते समय हमें उस विषय के गुण और दोष दोनों के ऊपर लिखना चाहिए मगर सरलता और स्पष्टता का ध्यान यहां भी रखना होता है ।

3 :- वार्तालाप – विवरण, मीमांसा, टिप्पणी और चर्चा इन सभी को तीसरे बिंदु में समाहित करते हैं। जिसका उत्तर लिखते समय व्यक्ति को थोड़ा तार्किक होना पड़ता है और हर एक तर्क से विषय का आकलन करना होता है और वह आकलन सूक्ष्म और सरल दोनों प्रकार से होना चाहिए ।

4 :- विश्लेषण – विश्लेषण को हम चौथे बिंदु में रखते हैं क्योंकि विश्लेषण का उत्तर लिखते समय एक व्यक्ति के अपने खुद के विचार पर कार्य करना होता है। उसके मन में विषय को लेकर क्या, क्यों, कब,कहां, कितना और कैसे यह सभी विचार उत्पन्न होने चाहिए और उसके पास विषय संबंधित सभी सटीक जानकारी भी होनी चाहिए जैसे मान लीजिए मैं आपसे प्रश्न करता हूं –

1935 भारतीय शासन अधिनियम के पारित होने के बाद भारतीय राजनीतिक गतिविधियों पर क्या प्रभाव पड़ा इसका विश्लेषण कीजिए ?

अभी यहां व्यक्ति को सिर्फ अपने विचार दर्शाने हैं और इसका एक सटीक उत्तर लिखकर देना है ।

तो अगली बार जब भी आप कोई प्रश्न लिखें तो यह जरूर ध्यान पूर्वक देखें कि प्रश्न के अंत में किस शब्द का प्रयोग किया गया है और आपको को कौन सी दिशा प्रदान करानी है । जिससे प्रश्न कर्ता को वही उत्तर मिल पाए जिसकी वह आपसे अपेक्षा करता है।

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